India-Canada Temple Security Issues: हाल ही में ब्रैम्पटन स्थित हिंदू सभा मंदिर में खालिस्तानी समर्थकों के झंडों के साथ विरोध प्रदर्शन के दौरान प्रदर्शनकारियों और श्रद्धालुओं के बीच झड़पें हुईं, जिसके बाद टोरंटो स्थित भारतीय वाणिज्य दूतावास ने कई कांसुलर कैंपों को रद्द कर दिया। इन कैंपों का आयोजन भारतीय पेंशनरों के लिए जीवन प्रमाण पत्र जारी करने हेतु किया गया था। खालिस्तानी उग्रवादियों की बढ़ती हिंसा के चलते सुरक्षा एजेंसियों की ओर से न्यूनतम सुरक्षा उपलब्ध नहीं कराई जा सकने पर यह निर्णय लिया गया।
वाणिज्य दूतावास ने अपने एक्स अकाउंट पर जानकारी देते हुए कहा कि “सुरक्षा एजेंसियों द्वारा कैंप आयोजकों को आवश्यक सुरक्षा नहीं दे पाने के कारण कुछ कांसुलर कैंप रद्द करने का निर्णय लिया गया है।” ब्रैम्पटन में आयोजित इस कांसुलर कार्यक्रम को भारतीय वाणिज्य दूतावास और मंदिर प्रबंधन ने संयुक्त रूप से आयोजित किया था, लेकिन खालिस्तानी समर्थकों की हिंसा ने इसे बाधित कर दिया।
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भारत ने इस हमले पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कनाडा में भारतीय नागरिकों की सुरक्षा को लेकर अपनी गहरी चिंता जाहिर की। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने हिंसा की निंदा करते हुए कनाडा सरकार से पूजा स्थलों की सुरक्षा और हमलावरों पर कार्रवाई की मांग की। उन्होंने यह भी कहा कि भारतीय अधिकारी कनाडाई नागरिकों की सेवा करने में सक्षम बने रहेंगे और किसी भी धमकी या उत्पीड़न से नहीं डरेंगे।
भारतीय उच्चायोग ने भी ब्रैम्पटन में एक अन्य कांसुलर कैंप में हुए विरोध पर असंतोष जताते हुए इसे “रूटीन कांसुलर कार्यों में अस्वीकार्य व्यवधान” कहा। हालांकि, इस बाधा के बावजूद 1,000 से अधिक आवेदकों को जीवन प्रमाण पत्र जारी किए गए। इसी प्रकार, 2 और 3 नवंबर को वैंकूवर और सरे में भी ऐसे कांसुलर कैंपों में खलल डालने के प्रयास किए गए।
इन घटनाओं के मद्देनजर, कनाडाई नेशनल काउंसिल ऑफ हिंदूज (CNCH), हिंदू फेडरेशन, और अन्य हिंदू संगठनों ने संयुक्त निर्देश जारी किया कि जब तक राजनेता खालिस्तानी उग्रवाद के खतरे का समाधान करने हेतु ठोस कदम नहीं उठाते, उन्हें मंदिरों में राजनीतिक उद्देश्य से प्रवेश नहीं करने दिया जाएगा।