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कोरोना के बीच लासा फीवर की एंट्री, इस देश में तेजी से बढ़ रहे मामले

डेस्क |

डेस्क।

देश दुनिया में अभी कोरोना वायरस खत्म भी नहीं हुआ की एक और नए वायरस ने दस्तक दे दी है। इन नए वायरस का नाम है लासा फीवर। लासा फीवर के मामले नाइजीरिया में पाए गए हैं और ये तेजी से लोगों को संक्रमित कर रहा है। इतना ही नहीं नाइजीरिया में लासा फीवर की चपेट में आने से अब तक 100 से अधिक लोगों की मौत की खबर है।

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक नाइजीरिया में इसी साल अब तक इस फीवर से 123 लोगों की मौत हो चुकी है जबकि 659 लोग इस नए संक्रमण की चपेट में हैं। वहीं, ब्रिटेन में भी इस फीवर से 3 लोगों की मौत की खबर है।

WHO के अनुसार, लासा वायरस की चपेट में आने पर व्यक्ति को तेज बुखार, सिर दर्द, गले में खराश, मांसपेशी में दर्द, सीने में दर्द, डायरिया, खांसी, पेट में दर्द और जी मिचलाने जैसे लक्षण नजर आते हैं। गंभीर मरीजों में चेहरे पर सूजन, फेफड़ों में पानी, मुंह और नाक से खून निकलने लगता है। इसके अलावा मरीज के ब्लड प्रेशर में भी तेजी से गिरावट आने लगती है.लासा वायरस के संक्रमण में भी शुरुआत में कोई खास लक्षण नहीं दिखता है। हालांकि इस बीमारी में मृत्यु दर ज्यादा नहीं है, लेकिन 80 प्रतिशत मामलों में कोई लक्षण नहीं दिखता। दावा किया जा रहा है कि इस बीमारी का अब तक कोई इलाज नहीं है।

क्या है लासा फीवर-

बता दें कि लासा फीवर एक वायरल रोग है जो लासा नामक वायरस के कारण होता है। ये वायरस सबसे पहले 1969 में नाइजीरिया के लासा नामक कस्बे में पाया गया था। इसी कस्बे के नाम पर इसका नाम लासा पड़ गया। लासा फीवर चूहों के जरिए इंसानों में फैलता है। यदि कोई व्यक्ति संक्रमित चूहे के मल-मूत्र के संपर्क में आता है तो वह लासा बुखार से संक्रमित हो सकता है। इसके बाद संक्रमित संक्रमित व्यक्ति अन्य लोगों को भी संक्रमित कर सकता है. मनुष्य पर लासा फीवर का प्रभाव दो से 21 दिन तक रहता है