पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान के पीएम इमरान खान पर गिरफ्तारी की तलवार लटक गई है. लिहाजा, पाकिस्तानी सदन में वोटिंग से स्पीकर ने मना कर दिया है. स्पीकर का कहना है कि वो इमरान खान का साथ नहीं छोड़ सकते. लेकिन, इस बीच विपक्ष को हावी होता देख इमरान खान के पास इस्तीफे के सिवाय कोई दूसरा चारा दिखाई नहीं दे रहा। ऐसे में उन्होंने पद छोड़ने के बदले 3 प्रमुख शर्तें रखी हैं. इमरान का कहना है कि अगर उन्हें गिरफ्तार नहीं करने, NAB के तहत मुकदमा दर्ज नहीं कराने और शहबाज शरीफ को पीएम न बनाने की शर्त मानी जाती है तो वे इस्तीफा तुरंत दे सकते हैं.
गौरतलब है कि पाकिस्तान में सियासी संकट जारी है. पिछले दिनों विपक्षी दलों ने एक साझा तौर पर इमरान सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया था. लेकिन, बजाय इस पर बहस के बाद वोटिंग कराने के प्रस्ताव को ही खारिज कर दिया गया. इसके बाद विपक्ष ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया और वहां से इमरान को झटका मिला. पाकिस्तान की सरकार को संसद में वोटिंग कराने का निर्देश दिया गया. लेकिन, एक बार फिर इमरान खान की सत्ताधारी पार्टी से जुड़े स्पीकर ने वोटिंग कराने से शनिवार को इनकार कर दिया. हालांकि, इसके बाद सदन की कार्यवाही रमाजन की इफ्तार के लिए रात साढ़े 9 बजे तक के लिए स्थगित की गई.
लेकिन, अब इमरान खान के डर और उनके रुख को लेकर सवाल उठने लगे हैं. जो इमरान खान आखिरी गेंद तक लड़ने की बात अक्सर करते थे. वे अब स्टेडियम छोड़कर पलायन की सोच रहे हैं. वैसे मौजूद पीएम इमरान का डर भी गैर वाजिब नहीं है. क्योंकि, पाकिस्तान में इतिहास रहा है कि कुर्सी से हटते ही प्रधानमंत्रियों को या तो फांस हुई है या फिर उनकी हत्या. अलबत्ता, पूर्व पीएम नवाज शरीफ और पूर्न जनरल तथा राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ को तो देश छोड़कर ही भागना पड़ा. जाहिर है इमरान खान अपना भविष्य इन्हीं के ईर्द-गिर्द देख रहे होंगे.