क्वाड शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जापान दौरे पर हैं। इस मौके पर जापान और भारत के साथ ही अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया के लीडर जुटे हैं। आज ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन के साथ मुलाकात होगी। वहीं क्वाड देशों की एकता को देखते हुए चीन की परेशानी बढ़ रही है।
जापान की राजधानी टोक्यो में आयोजित क्वाड देशों की शिखर बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चीन को सख्त संदेश दिया। पीएम मोदी ने कहा कि क्वाड अच्छाई की ताकत के लिए बनाया गया संगठन है और यह हिंद प्रशांत क्षेत्र को बेहतर बना रहा है। उन्होंने कहा कि लोकतांत्रिक देशों के बीच आपसी विश्वास लोकतांत्रिक देशों को नई ऊर्जा देगा। उन्होंने कहा कि बहुत कम समय में क्वाड ने दुनिया में अपनी महत्वपूर्ण जगह बना ली है। इससे पहले चीन इस शिखर सम्मेलन पर भड़क गया था और उसने कहा था कि क्वाड का फेल होना तय है।
पीएम मोदी ने कहा कि क्वाड ने विश्व पटल पर एक महत्वपूर्ण स्थान बना लिया है। आज क्वाड का दायरा व्यापक हो गया है। हमारा आपसी विश्वास और प्रतिद्धता लोकतांत्रिक शक्तियों को नई ऊर्जा और उत्साह दे रहा है। क्वाड के स्तर पर हमारे आपसी सहयोग से एक मुक्त, खुला और समावेशी हिंद-प्रशांत क्षेत्र को प्रोत्साहन मिल रहा है जो हमारा साझा उद्देश्य है। कोरोना की विपरीत स्थिति के बाद भी हमने कोरोना वैक्सीन, जलवायु परिवर्तन सप्लाइ चेन और आर्थिक सहयोग जैसे कई क्षेत्रों में समन्वय बढ़ाया है। इससे हिंद प्रशांत क्षेत्र में शांति, समृद्धि और स्थिरता सुनिश्चित हुई है। इससे क्वाड की स्थिति अच्छाई के लिए ताकत के रूप में और ज्यादा सुदृढ़ होती जाएगी।’
वहीं अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने कहा कि पुतिन संस्कृति को ही खत्म करना चाहते हैं। यह एक यूरोपीय मुद्दे से बढ़कर है। यह वैश्विक मुद्दा है। दुनियाभर में खाद्यान संकट बढ़ सकता है क्योंकि रूस खाद्यान के निर्यात को बाधित कर रहा है। उन्होंने कहा कि जब तक रूस युद्ध जारी रखेगा अमेरिका अपने दोस्तों के साथ मिलकर काम करता रहेगा। इससे पहले क्वाड देशों की बैठक पर चीनी बुरी तरह से भड़क गया था।
चीन ने बाइडन के इस बयान की निंदा की कि यदि बीजिंग ने स्वशासित ताइवान पर आक्रमण किया तो जापान के साथ अमेरिका सैन्य हस्तक्षेप करेगा। बाइडन के इस बयान ने राष्ट्रीय एकीकरण करने के चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग की महत्वाकांक्षी योजना को संकट में डाल दिया है। ताइवान का चीन की मुख्य भूमि के साथ एकीकरण करना शी (68) का बड़ा राजनीतिक वादा है जिनके इस साल राष्ट्रपति के तौर पर तीसरे कार्यकाल के लिए सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी से मंजूरी पाने की उम्मीद है। पार्टी का पांच साल में एक बार होने वाला सम्मेलन अगले कुछ महीने में होने का कार्यक्रम है।
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