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नीदरलैंड में कानूनी अधिकार बनेगा वर्क फ्रॉम होम, संसद में मिली मंजूरी

कोरोना काल में दुनिया भर में काम करने का एक नया कल्चर शुरू हुआ है वो है वर्क फ्रॉम होम. इसी बीच वर्क फ्रॉम होम से जुड़ी एक बड़ी खबर सामने आई है. बता दें कि नीदरलैंड में वर्क फ्रॉम होम को लीगल राइट यानी कानूनी अधिकार घोषित कर दिया गया है….

डेस्क |

कोरोना काल में दुनिया भर में काम करने का एक नया कल्चर शुरू हुआ है वो है वर्क फ्रॉम होम. इसी बीच वर्क फ्रॉम होम से जुड़ी एक बड़ी खबर सामने आई है. बता दें कि नीदरलैंड में वर्क फ्रॉम होम को लीगल राइट यानी कानूनी अधिकार घोषित कर दिया गया है. इसे डच संसद से मंजूरी मिल चुकी है, जिसे जल्द ही डच सीनेट से मंजूरी मिलने की उम्मीद है.

उधर, नीदरलैंड में रहने वाले भारतीय समुदाय के लोग इस बात से काफी खुश हैं कि अब यहां वर्क फ्रॉम होम या फिर रिमोट वर्क के कॉन्सेप्ट को कानूनी अधिकार के दायरे में शामिल कर लिया गया है. बता दें कि तकरीबन 2.40 लाख प्रवासी भारतीय/ भारतीय मूल के लोग नीदरलैंड में रहते हैं. इनमें ज़्यादातर सूचना व प्रौद्योगिकी क्षेत्र में कार्यरत हैं.

दरअसल, कोविड काल में वर्क फ़्रॉम होम का अभ्यास कई कंपनियों को यह सोचने पर मजबूर कर चुका है कि अगर कर्मचारी दफ़्तर नहीं आकर भी पूरी ईमानदारी के साथ अच्छा काम कर रहे हैं और उनका प्रदर्शन भी बेहतर हो रहा है। ऐसे में क्यों उनके दफ़्तर आने को अनिवार्य बनाया जाए। यह कंपनियों के लिए घाटे का सौदा नहीं है। वहीं कर्मचारी भी इस तरह ज़्यादा संतुष्ट हैं।