भारतीय शेयर बाजार में मंगलवार को कुछ ही सेकंड के भीतर 5 लाख करोड़ रुपये स्वाहा हो गए। सेंसेक्स में गिरावट का मनहूस दौर 1,274 अंको से शुरू। शुरुआती गोते के बाद बाजार थोड़ा संभला और बेंचमार्क इंडेक्स ने रिकवरी शुरू की, लेकिन कुल मिलाकर बाजार के लिए मंगलवार 'ब्लैड ट्यूजडे' साबित हुआ।
दरअसल, शेयर बाजार में हाहाकार का सबसे बड़ा शोर अंतर्राष्ट्रीय बाजारों में देखा गया। वॉल स्ट्रीट में बाज़ार के धराशायी होने की सूचना 3 बजे शाम से ही शुरू हो गई। सामान्य आर्थिक परिस्थितियां और लाभ कमाने के मकसद से की गई शेयरों की बिकवाली इसकी मुख्य वजह रही।
ब्लैक ट्यूज़डे में कई बड़े उद्योगपतियों के शेयर गोते लगाते हुए भारी नुकसान करा बैठे। दरअसल, दुनिया के कई धाकड़ धनवानों की संपत्ति का आंकड़ा उनकी कंपनियों के शेयरों में होनेवाले उतार-चढ़ाव पर निर्भर करता है। इसलिए, बाजार की गतिविधियों का इन दिग्गजों की संपत्ति पर सीधा असर पड़ता है। वहीं, कुछ दिग्गज निवेशक भी हैं जो बड़े पैमाने पर शेयरों की मजबूती से कमाते हैं और बाजार की गिरावट से गंवाते हैं।
वॉरन बफेट
अमेरिकी बाजार में हुई जबर्दस्त बिकवाली की वजह से दिग्गज निवेशक वॉरन बफेट का नेट वर्थ एक दिन में ही 6% कम हो गया और उन्हें 5.3 अरब डॉलर (करीब 340 अरब रुपये) का नुकसान हो गया।
मार्क जकरबर्ग
फेसबुक के सीईओ मार्क जकरबर्ग को 3.6 अरब डॉलर (करीब 230 अरब रुपये) का नुकसान हुआ और उनका नेट वर्थ 4.7 प्रतिशत कम हो गया, क्योंकि सोमवार को कोहराम में फेसबुक के शेयर 5 प्रतिशत टूट गए।
जेफ बेजॉस
दुनिया के सबसे अमीर आदमी ऐमजॉन सीईओ जेफ बेजॉस की संपत्ति में से 3.2 अरब डॉलर (करीब 205 अरब रुपये) की कमी आ गई। ऐमजॉन ने पिछले हफ्ते जब शानदार तिमाही रिजल्ट जारी किया तो उन्हें बेजॉस को एक दिन में यह रकम हासिल हुई थी। बेजॉस के पास अब भी 115.7 अरब डॉलर (करीब 7.4 हजार अरब रुपये) की संपत्ति है।
भारतीय अमीरों के भी पैसे डूबे
वैश्विक दिग्गजों के अलावा भारतीय महारथी भी इस नुकसान से नहीं बच पाए। इनमें झुनझुनावला के कुछ पोर्टफोलियोज में शामिल शेयर 32 प्रतिशत तक टूट गए। ऐपटेक 34 प्रतिशत, प्रॉनजोन इंटू, जियोजीत फाइनैंशल सर्विसेज, एमसीएक्स और अनंत राज के शेयरों की कीमतें क्रमशः 27, 27, 27.2 और 26 प्रतिशत तक कम हो गईं।
इस दौरान ऑटो लाइन इंडस्ट्रीज, फेडरल बैंक और ओरियंट सीमेंट के शेयर भी 24 प्रतिशत कमजोर हो गए। झुनझुनावाला की 1 प्रतिशत से ज्यादा हिस्सेदारी वाले 30 शेयरों में 20 से ज्यादा शेयर 2018 में 32 प्रतिशत तक कमजोर हो गए।
वहीं, डॉली खन्ना के पोर्टफोलियो में शामिल स्टर्लिंग टूल्स के शेयर 19 प्रतिशत, द्वारिकेश सूगर 20 प्रतिशत, नंदन डेनिम 21 प्रतिशत, एमके ग्लोबल फाइनैंशल सर्विसेज 20 प्रतिशत, रुचिरा पेपर 19 प्रतिशत, मन्नापुरम फाइनैंस 21 प्रतिशत, जीएनएफसी 19 प्रतिशत, रेन इंडस्ट्रीज 18 प्रतिशत जबकि आईएफबी एग्रो 25 प्रतिशत तक कमजोर हो गए।