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कांग्रेस की नई रणनीति, ज़मीनी युवा चेहरों को ख़ास तरजीह

समाचार फर्स्ट डेस्क |

हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस संगठन को धार देने के लिए नए समीकरण गढ़ रही है। हाल ही में युवा कांग्रेस में जिस तरह से नए और जमीनी  चेहरों को तरजीह दी जा रही है, उससे साफ होता है कि टीम राहुल की नई तस्वीर प्रदेश में अपना पांव फैला रही है। ख़ास बात कि इस बार संगठन के ऊपरी लेवल पर छात्र नेताओं को खासा तरजीह दी जा रही है।

हिमाचल प्रदेश में युवा कांग्रेस के अध्यक्ष पद पर नई ताजपोशी के बाद महासचिव के पदों पर भी दो छात्र नेताओं को हाईकमान की ओर से जिम्मेदारी सौंपी गई है। एनएसयूआई के राष्ट्रीय सचिव सुरजीत भरमौर और अमित पठानिया अब हिमाचल यूथ कांग्रेस में महासचिव के पद पर अपनी सेवाएं देंगे। दोनों नेताओं की नियुक्ति शुक्रवार को यूथ कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष की तरफ से की गई।

एनएसयूआई के राष्ट्रीय सचिव सुरजीत भरमौरी चंबा जिले के भरमौर-पांगी विधानसभा क्षेत्र से संबंध रखते है। जबकि अमित पठानिया कांगड़ा जिला से ताल्लुक रखते हैं। सुरजीत भरमौरी को 2009 में उन्हें एनएसयूआई के प्रदेश महासचिव के पद पर तैनात किया गया था। वहीं 2011 में सुरजीत भरमौरी को संगठन की ओर से नेशनल डेलीगेट चुना गया। संगठन की मजबूती में अहम रोल निभाने के चलते सुरजीत भरमौरी को साल 2012 में एनएसयूआई का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया गया था।

जिस तरह से प्रदेश कांग्रेस में जमीनी स्तर से उठे युवा नेताओं को तरजीह दी जा रही है, उसके कई राजनीतिक मतलब निकाले जा रहे हैं। राजनीति के जानकारों का मानना है कि कांग्रेस में ईलीट डॉमिनेंस एक बड़ा मुद्दा है। कई जगहों पर इसकी वजह से पार्टी को बैकफुट पर रहना पड़ता है। लेकिन, अब कांग्रेस जमीनी स्तर के नेताओं को आगे कर राजनीति की नई रणनीति तैयार कर रही है।