भारत-चीन सीमा पर देश की रक्षा में तैनात बिलासपुर के जवान सुनील कुमार का शव बुधवार सुबह पैतृक गांव गांव नेहर डाकघर हरनोड़ा में जैसे ही पहुंचा तो पूरा माहौल गमगीन हो गया. सुनील कुमार ने 24 जुलाई को अरुणाचल प्रदेश के पासोपानी स्थित आइटीबीपी सैन्य कैंप में हिंदुस्तान की शरहद की रक्षा करते हुए अपने प्राणों का बलिदान कर दिया. उनका पार्थिक शरीर आज बुधवार को नौ बजे जवानों द्वारा उनके घर नैहर पहुंचाया गया है. पार्थिव देह घर पहुंचते ही परिवार के सदस्य बेसुध हो गए. उनका दाह संस्कार सलापड़ पुल के पास किया गया.
आइटीबीपी जवान सुनील कुमार की उम्र करीब 40 वर्ष थी और कई वर्षों से वह आइटीबीपी में अपनी सेवाएं दे रहे थे. बताया जा रहा है कि उनकी देश सेवा के दौरान हार्ट अटैक से मौत हो गई है, लेकिन इस बात की अभी तक कोई अधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है. बुधवार को उनका पार्थिव देह पैतृक गांव नैहर में अंतिम दर्शनों के बाद श्मशान घाट पहुंचा दिया गया.
वहीं, जिला परिषद चेयरमैन कुमारी मुस्कान ने बताया बलिदानी सुनील कुमार की दो बेटियां और एक बेटा है. अपने पिता के शहीद होने के बाद परिवार में माता-पिता समेत बच्चों का रो रोकर बुरा हाल है. बलिदान का समाचार मिलने के बाद क्षेत्र के लोग बड़ी संख्या में घर व श्मशान घाट में सुनील के दर्शनों के लिए पहुंच गए.