हिमाचल प्रदेश में सेब का सीज़न तेजी पकड़ चुका है. इस बीच संयुक्त किसान मंच ने बागवानों की समस्याओं का हल न होने पर सरकार के खिलाफ़ बड़ा आंदोलन शुरू करने का ऐलान कर दिया है जिसका आगाज़ 5 अगस्त को किसान आक्रोश रैली के रूप में सचिवालय घेराव से होगा जिसमें हजारों किसान बागवान शिमला पहुंचेगे. अगर सरकार ने 5 अगस्त से पहले बागवानों की समस्या का समाधान नहीं किया तो आंदोलन को और तेज किया जायेगा.
संयुक्त किसान मंच ने शिमला में पत्रकार वार्ता कर सरकार को जताया है कि किसानों बागवानों की समस्याओं को लेकर सरकार जो निर्णय ले रही है उन्हे जमीनी स्तर पर भी उतारे. 28 जूलाई को मुख्य्मंत्री के साथ संयुक्त किसान मंच की बैठक हुई थीं जिसमें 20 सूत्रीय मांग पत्र दिया गया है जिसमें से 15 मांगे अभी भी लंबित पड़ी है कुछ को लेकर सरकार ने निर्णय ले लिया है लेकिन उसकी अधिसूचना अभी तक जारी नहीं की गई है और न ही उन्हे लागू किया गया है.
कार्टन पर 6फीसदी GST कम करने और कीटनाशक पर सब्सिडी बहाल करने की सरकार ने घोषणा की है लेकिन अभी तक इसे लागू नहीं किया गया है जिससे बागवान खासे परेशानी में हैं. एक सेब बॉक्स में 20 रुपये तक बढ़ा है और ट्रे पर तो GST भी नहीं बढ़ा है फिर भी 200 से 250 रुपये बंडल मंहगा हुआ है सरकार क्यों इसको कंट्रोल नहीं करती. बागवानी बोर्ड बनाने की सरकार बात कर रही है लेकिन सरकार इसमें भी देरी हो गई है. सेब पर आयात शुल्क बढ़ाने पर भी सरकार ने कोई कदम नहीं उठाया है जिससे सीधा नुकसान हिमाचल के बागवानों को हुआ है.