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राजनीति में छोटी दृष्टि नहीं बल्कि दूरदृष्टि रखनी चाहिए: जेपी नड्डा

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भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष  जगत प्रकाश नड्डा ने आज शनिवार को पांवटा साहिब के नगर परिषद् मैदान में आजादी के अमृत महोत्सव वर्ष में आयोजित “प्रगतिशील हिमाचल  स्थापना के 75 वर्ष” के उपलक्ष्य में आयोजित विशाल जनसभा को संबोधित किया और 1948 से लेकर 2022 तक की हिमाचल प्रदेश की विकास यात्रा पर विस्तार से चर्चा की. उन्होंने अपने कार्यक्रम की शुरुआत से पहले पवित्र पांवटा साहिब में गुरु ग्रंथ साहिब जी को मत्था टेका, अरदास की और हिमाचल प्रदेश की जनता की मंगलकामना की. ज्ञात हो कि पवित्र पांवटा साहिब में दशम पिता गुरु गोबिंद सिंह जी ने महत्वपूर्ण साढ़े चार साल बिठाये थे. साथ ही, उनके बड़े साहिबजादे का जन्म भी यहीं हुआ था. उन्होंने धर्म की रक्षा के लिए लड़ाई भी लड़ी थी. इससे पहले आज सुबह हिमाचल में आई प्राकृतिक आपदा को लेकर ट्वीट करते हुए उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश में कई जगहों पर आई प्राकृतिक आपदा से हुई जनहानि का समाचार अत्यंत पीड़ादायक है. मेरी संवेदनाए पीड़ित परिजनों के साथ है.

शासन प्रशासन युद्ध स्तर पर राहत एवं बचाव कार्य पर जुटे हुए हैं. ईश्वर दिवंगत आत्माओं को अपने श्री चरणों में स्थान दें. कार्यक्रम में प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सुरेश कश्यप सहित राज्य सरकार के कई मंत्री, भाजपा विधायक और पार्टी के वरिष्ठ पदाधिकारियों सहित बड़ी संख्या में आम नागरिक उपस्थित थे.

नड्डा ने कहा कि आजादी का अमृत काल चल रहा है. हमें 2047 में भारत को सर्वोच्च शिखर पर स्थापित करना है तो हम हाथ पर हाथ धर कर नहीं बैठ सकते. हमें अगले 25 वर्षों में विकसित हिमाचल और विकसित भारत का लक्ष्य लेकर चलना है. हमें आत्मनिर्भर भारत बनाने के लिए आत्मनिर्भर हिमाचल प्रदेश बनाना है. हम विकसित हिमाचल और विकसित भारत बनाने के लिए कोई कोर-कसर नहीं छोड़ेंगे.

नड्डा ने कहा कि गुलामी की सोच मानसिकता में होती है. जब भारतवर्ष से अच्छी कोई और भूमि लगने लगती है तो यह गुलामी मानसिकता का प्रतीक है. हमें ये तय करना है कि सर्वोच्च होगा तो अपना हिमाचल प्रदेश और अपना भारतवर्ष. क्या दशम पिता गुरु गोबिंद सिंह जी जैसा कोई महान व्यक्तित्व हमने देखा है जिन्होंने धर्म और राष्ट्र की रक्षा के लिए स्वयं और अपने दोनों साहिबजादों को कुर्बान कर दिया. इसलिए, हमें अपनी विरासत पर गर्व करना चाहिए. हमें अपने इतिहास को, अपने महान पूर्वजों को, देवी-देवताओं को, आदर्श परंपराओं को और अपनी महान संस्कृति पर गर्व करना चाहिए, उसे याद रखना चाहिए. हमारी संस्कृति दुनिया की सबसे पुरातन संस्कृति है.

हमारी संस्कृति हमारी ताकत है. हमें एकता और एकजुटता के साथ रहना है. अगर हम सभी देशवासी एकजुट होकर दृढ़ निश्चय कर लें तो असंभव कुछ भी नहीं. लोग आपको धर्म-मजहब, जाति-पांति, पहाड़-मैदान के नाम पर बांटने की कोशिश करेंगे. ये देश और प्रदेश को कमजोर करने का षड्यंत्र है. हमें मिल कर चलना है. हमारा लक्ष्य है 2047 में विकसित भारत. हमने अधिकारों की बात तो बहुत कर ली, अब अपनी जिम्मेदारियों को निभाने का वक्त आ गया है. हमें स्वयं से इस सत्य का आग्रह करना है कि हम देश के विकास में किस तरह से अपनी भूमिका निभा सकते हैं.

आज देश आगे बढ़ रहा है. हर गांव तक पक्की सड़क पहुंची है और हर खेत तक पानी पहुंचाई जा रही है. गरीबों के लिए घर बनाए जा रहे हैं और घरों को बिजली, पानी, शौचालय, गैस कनेक्शन और आयुष्मान कार्ड से जोड़ा जा रहा है.

राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि राजनीति में छोटी दृष्टि नहीं बल्कि दूरदृष्टि रखनी चाहिए. यदि गलत आदमी कुर्सी पर बैठता है तो नुकसान होता है और यदि सही व्यक्ति को जनता की सेवा करने का अवसर मिलता है तो फायदा ही फायदा होता है. जब सही व्यक्ति कुर्सी पर बैठता है तो अंतर ये आता है कि हिमाचल प्रदेश वैक्सीनेशन में देश में नंबर वन बन जाता है, 90% भूमि सिंचित हो जाती है, हर गाँव तक पक्की सड़क पहुँच जाती है, हर घर बिजली पहुंचती है. किसी और पार्टी के नेता में ये कहने की हिम्मत नहीं कि उन्होंने जनता के लिए क्या-क्या काम किये हैं क्योंकि उन्होंने कभी भी कुछ किया ही नहीं है. यूक्रेन से अपने छात्रों को बड़े-बड़े देश नहीं निकल पाए लेकिन आदरणीय प्रधानमंत्री जी अपने 20 हजार से अधिक छात्रों को सकुशल वापस लेकर आये. यहाँ तक कि हमारे तिरंगे के सहारे दूसरे देशों के छात्र भी सुरक्षित बाहर निकल पाए. ये है बदलते भारत की ताकत!

कांग्रेस पर जोरदार प्रहार करते हुए  उन्होंने  कहा कि पहले हिमाचल प्रदेश को स्पेशल स्टेटस का दर्जा मिला हुआ था. कांग्रेस की सरकार ने तो हिमाचल प्रदेश से विशेष राज्य का दर्जा तक हटा दिया था जिसके कारण केंद्रीय योजनाओं में हिमाचल प्रदेश को 40% हिस्सा देना पड़ जाता था. केंद्र में जब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी  की सरकार आई, तो माननीय प्रधानमंत्री जी ने बिना किसी मांग के फिर से हिमाचल प्रदेश का स्पेशल स्टेटस बहाल कर दिया. आदरणीय अटल बिहार वाजपेयी जी की सरकार में हिमाचल प्रदेश को 10 वर्ष के लिए स्पेशल इंडस्ट्रियल पैकेज मिला था लेकिन कांग्रेस की यूपीए सरकार ने 7 साल में ही इस पैकेज को ख़त्म कर दिया. तब के प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह जी ने यह दलील दी थी कि हरियाणा, पंजाब और जम्मू-कश्मीर भी इस तरह की मांग करने लगेंगे. ये अलग बात है कि आज कांग्रेस हिमाचल प्रदेश के साथ-साथ हरियाणा, जम्मू-कश्मीर और पंजाब से भी गायब हो चुकी है. 2002 में आदरणीय अटल बिहारी वाजपेयी जी ने अटल टनल का शिलान्यास किया था. कांग्रेस की यूपीए सरकार के 10 वर्षों में इस टनल पर काम नहीं के बराबर हुआ. अटल जी कहा करते थे कि इस टनल का शिलान्यास मेरे दिल में गड़ा पत्थर है. उस सपने को भी साकार किया.

पांवटा साहिब और नाहन की जनता को आश्वस्त करते हुए उन्होंने कहा कि हाल के दिनों में प्राकृतिक आपदा और ख़राब मौसम के कारण फसलों का जो नुकसान हुआ है, उसकी समस्या का समाधान हमारी सरकार करेगी. पांवटा साहिब में अलग एडीजे कोर्ट की जो मांग यहां की जनता ने की है, उस मांग को भी राज्य की जयराम ठाकुर सरकार ने पूरा करने का निर्णय लिया है. जल्द ही यहां कोर्ट खुल जाएगा. जहाँ तक हाटी को ट्राइबल स्टेटस देने का प्रश्न है, तो इस विषय पर भी निर्णय जल्द से जल्द हो जाएगा.