नेशनल हाईवे पर सैनवाला के नजदीक वीरवार को तड़के सड़क किनारे मिली नन्हीं परी को पुलिस ने अपनी निगरानी में ले लिया है। जिला की बाल विकास कमेटी अब नन्ही परी को शिमला स्थित शिशु गृह में भेजेगी जहां बच्ची का लालन-पालन होगा। उधर पुलिस ने बच्ची का मैडीकल करवा लिया है। डीएनए टैस्ट के लिए डाक्टरों का बोर्ड मेडीकल कालेज अस्पताल में कार्रवाई करेगा। इसके लिए मैडीकल कालेज प्रबंधन ने निर्देश जारी कर दिए हैं।
बच्ची गोद देने में बाल विकास कमेटी ने जाहिर की असमर्थता
बता दें कि सेवानिवृत्त अधिकारी रामेश्वर सिंह को बीते दिन उक्त बच्ची हाईवे के किनारे मिली थी। रामेश्वर सिंह बच्ची को घर ले आए। वह अपनी बेटी के लिए इसे गोद लेना चाहते थे लेकिन कानून आड़े आ गया। शुक्रवार को सारा दिन रामेश्वर सिंह की बेटी और उनके परिवार वाले बाल विकास कमेटी कार्यालय में डटे रहे ताकि किसी न किसी तरह यह बच्ची उन्हें सौंप दी जाए लेकिन बाल विकास कमेटी ने असमर्थता जाहिर की। सेवानिवृत्त अधिकारी की बेटी ने रोते हुए नन्ही परी को पुलिस के हवाले कर दिया।
गोद लेने का कानून बेहद जटिल
देश में बच्चों को गोद लेने का कानून आज भी बेहद जटिल है। इच्छुक दंपति को बच्चा गोद लेने के लिए अगर हिमाचल की बात करें तो शिमला में आवेदन करना पड़ता है। आंकड़ों के अनुसार प्रदेश में बच्चों को गोद लेने वाले इच्छुक लोगों की संख्या 1000 से ज्यादा है जिन्होंने अपना पंजीकरण गोद लेने के लिए सरकार के यहां करवाया है। इच्छुक लोगों को कई-कई साल इंतजार करना पड़ रहा है तब कहीं जाकर उनकी सूनी गोद भरती है।