चटक धूप में ही बिना किसी बारिश के ही मंगलवार दोपहर सबसे व्यस्त मार्गों में एक चंडीगढ़-मनाली हाइवे मंडी कुल्लू के बीच सात मील के पास भारी पहाड़ आने से बंद हो गया. इस मार्ग पर इन दिनों फोरलेन बनाने का काम युद्ध स्तर पर चला हुआ है. जिस समय पहाड़ी दरकी और भारी मलबा आने से वहां पर कटिंग में लगी बड़ी मशीन एलएनटी भी इसकी चपेट में आ गई. इसके चालक व अन्य मजदूरों ने भाग कर जान बचाई. इस कारण से इस मार्ग पर दोनों ओर वाहनों की कतारें लग गई. सैंकड़ों वाहनों के पहिए थम गए और हजारों लोग व पर्यटक भी फंस कर रह गए.
अचानक आए इस पहाड़ का मलबा व चट्टानें इतनी अधिक हैं कि मंगलवार देर रात तक भी इसे हटाया नहीं जा सका. अब शायद बुधवार को ही यह मार्ग खुल सकेगा. भले ही मंडी व पंडोह से वाहनों को अन्य वैकल्पिक मार्गो से भेजा जा रहा है मगर ये मार्ग तंग व छोटे होने के कारण सारे वाहन यहां से नहीं जा पा रहे हैं. ऐसे में लेह लदाख को जा रही तेल व जरूरी वस्तुओं की सप्लाई भी बाधित हो गई. कुल्लू से आ रहे सेब के ट्क भी इस कारण से रूक गए. रोजाना सफर करने वालों को भी भारी परेशानी उठानी पड़ी. मंडी कुल्लू के बीच चलने वाली बसें भी मंडी में ही रोकनी पड़ी. रात्री सेवाएं भी बाधित हो गई.
इस मार्ग से हजारों वाहन चंडीगढ़ दिल्ली आदि जाते हैं तथा चौबीसों घंटे यह मार्ग चलता रहता है. फोरलेन का निर्माण कर रही केएमसी कंपनी के इंजीनियर सत्यम ने बताया कि मलबा इतना अधिक है कि मंगलवार को ही इसे हटाया जा सकेगा. जिला प्रशासन व पुलिस ने भी इसकी पुष्टि करते हुए लोगों को इस मार्ग पर न जाने की सलाह दी है.