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वन भूमि पर अतिक्रमण को लेकर HC सख्त, PCCF को दी ये चेतावनी

समाचार फर्स्ट |

सरकारी वन भूमि पर अवैध कब्जों को हटाने के मामले में बुधवार को हिमाचल हाईकोर्ट ने बड़ा एक्शन लिया। हाईकोर्ट ने अदालत के आदेश के अनुरूप कब्जाधारियों पर कार्रवाई न होने से सख्त नाराजगी जताई। अदालत में पेश हुए वन विभाग के सबसे बड़े अफसर यानी पीसीसीएफ (प्रिंसिपल चीफ कन्जर्वेटर ऑफ फॉरेस्ट) को हाईकोर्ट ने साफ-साफ शब्दों में चेतावनी जारी की।

हाईकोर्ट ने कहा कि यदि अब बड़े कब्जाधारियों पर एक्शन न हुआ तो सीधे पीसीसीएफ को निलंबित करने के आदेश जारी किए जाएंगे। अदालत ने खेद प्रकट किया कि वन विभाग के अधिकारी और कर्मचारी अपनी ड्यूटी ईमानदारी से नहीं निभा रहे हैं।

कोर्ट ने PCCF को आदेश दिए कि वह 24 घंटों के भीतर प्रदेश के सभी 43 वन उपमंडलों में बड़े-बड़े कब्जाधारियों की सूची बना कर कोर्ट को सौंपे। वन विभाग को प्रत्येक फोरेस्ट सब डिवीजन के 3 सबसे बड़े अवैध कब्जाधारियों के नाम बताने को कहा है। मामले पर इन नए तथ्यों को लेकर वीरवार यानी आज फिर से सुनवाई होगी।

कोर्ट ने सरकार को लगाई फटकार

कोर्ट ने इस मामले में सरकार को फटकार लगाते हुए कहा कि कोर्ट के आदेशों की पिछले कुछ समय से अनुपालना न होना दर्शाता है कि प्रदेश में कानून व्यवस्था चौपट हो गई है। कोर्ट ने अवैध कब्जाधारियों से वन भूमि को छुड़ाने की मुहिम और छुड़ाई गई भूमि की विस्तृत जानकारी वैब पोर्टल सहित अन्य प्रचार के माध्यम से जनता तक पहुंचाने के आदेश भी दिए हैं।

लेकिन, वन विभाग उन अवैध कब्जधारियों के खिलाफ मौन साधे हुए है, जो चुपचाप अवैध कब्जे दबा कर बैठे हैं। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश संजय करोल और न्यायाधीश तरलोक सिंह चौहान की खंडपीठ ने मामले की सुनवाई के दौरान वन विभाग की नाकामी पर उपरोक्त टिप्पणियां कीं।