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कांग्रेस में गुटबाजी!, सुक्खू के सम्मेलन से वीरभद्र का किनारा

समाचार फर्स्ट डेस्क |

कांग्रेस नेताओं में गुटबाज़ी इस कदर हावी है कि एक ओर प्रदेश अध्यक्ष पार्टी को दोबारा खड़ा करने में लगे रहते हैं, वहीं कुछ नेता आपसी खुंदस के चलते संगठन द्वारा रखे गए सम्मेलनों-बैठकों में ना जाकर पार्टी को मीडिया की सुर्खियों में बनाए रख़ते हैं।

जी हां, शनिवार को कांग्रेस ने लोकसभा चुनावों के मद्देनज़र मंडी में सम्मेलन रखा, लेकिन कुछ कांग्रेसियों ने इसे तरजीह देना सही नहीं समझा। पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने इस सम्मेलन से किनारा किया। यहां तक कि उनके बेटे विक्रमादित्य जो कि शिमला ग्रामीण से विधायक हैं, वे भी इस सम्मेलन में नहीं पहुंचे। इन नेताओं का पार्टी सम्मेलन में ना पहुंचना, कहीं न कहीं कांग्रेस की अंतर्कलह को एक बार फिर सुर्खियों में लाता है।

वहीं, ये भी कहना ग़लत नहीं होगा कि एक ओर जहां कांग्रेस मंडी में शून्य से चलना चाह रही है तो वहीं अपने ही कुछ नेता उनका साथ देने के बजाय आपसी मतभेदों को ताक पर ऱख रहे हैं। उधर, वीरभद्र सिंह पहले भी अपने कार्याकाल के दौरान ऊपर और नीचे के मुख्यमंत्री के नाम पर काफी ट्रोल हो चुके हैं और अब फिर उनका मंडी से किनारा पार्टी को नुक्सान पहुंचा सकता है। याद रहे कि यह वही जिला है जहां कांग्रेस को विधानसभा चुनाव में करारी शिकस्त मिली थी। बीजेपी ने यहां 10 में से 9 सीटों पर कब्जा किया था, जबकि 1 सीट निर्दलीय के पास रही जिसने बाद में बीजेपी को समर्थन दिया।

सम्मेलन में बोले सुक्खू

इस मौके पर प्रदेश कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि देश में अब लोकसभा चुनाव होने जा रह हैं और इस दृष्टि से अब सभी सांसदों से हिसाब और जवाब मांगा जा रहा है। प्रत्येक सांसद ने अपने संसदीय क्षेत्रों में कितना काम किया, कितने मुद्दे लोकसभा में उठाए और पीएम की कितनी योजनाओं को धरातल पर लागू किया, इन सब बातों को लेकर सांसदों से हिसाब और जवाब मांगा जा रहा है। आने वाले समय में ये अभियान और भी तेज होगा।