हिमाचल प्रदेश विधानसभा बजट सत्र का तीसरा दिन शांतिपूर्ण ढंग से शुरू हुआ। 11 बजे शुरू हुए प्रश्नकाल में वैसे तो कई सवाल सरकार से पूछे गए लेकिन, पोंग बांध विस्थापितों का मामला प्रशनकाल में मुख्य रूप से गूंजा। देहरा के विधायक होशियार सिंह ने मुख्यमंत्री से पूछा कि पौंग बांध बनने से कितने लोग विस्थापिथ हुए और कितने विस्तापितों की नियमानुसार मरब्बे दिए गए और कितने मामले निरस्त किए गए।
वहीं, जबाव में मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने बताया कि पौंग विस्थापितों का मामला 1960 से चला आ रहा है। हिमाचल की बीजेपी सरकार इसको लेकर गंभीर है और राजस्थान सरकार से बातचीत कर मसले को सुलझाने की बात करेगी। मुख्यमंत्री ने बताया कि अभी सरकार के पास विस्थापितों की सही संख्या नहीं है न ही ये जानकारी है कि कितने लोगों को मुआवज़ा और जमीन मिली है।
पौंग बांध के अनुपूरक सवाल को आगे बढ़ाते हुए ठियोग के विधायक कामरेड राकेश सिंघा ने पूछा कि 1980 रंगराजन कमेटी की रिपोर्ट के मुताबिक क्या किया जा रहा है और इन विस्थापितों के साथ न्याय कब होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार इस मसले पर गंभीर है और लोगों को चयनित कर उनको न्याय दिलाने की कोशिश की जाएगी। पौंग विस्थापितों को लेकर नूरपुर के विधायक राकेश पठानिया ने भी अपनी चिंता जाहिर की।