इस दुनिया में बहुत सारे लोग रुद्राक्ष का प्रयोग करते हैं. रुद्राक्ष का प्रयोग पूजा में, मंत्रों के जप में भी किया जाता है. दरअसल, रुद्राक्ष एक पेड़ के फल की गुठली है जिसका औषधीय और आध्यात्मिक महत्व है. माना जाता है कि रुद्राक्ष भगवान शिव के आंसुओं से पैदा हुए थे.
इनको धारण करने से विशेष फल प्राप्त होते हैं. माना जाता है कि रुद्राक्ष अकाल मृत्यु और शत्रु बाधा से रक्षा करता है. कुल मिलाकर 14 मुखी रुद्राक्ष पाए जाते हैं. इनके अलावा गौरी शंकर और गणेश रुद्राक्ष भी पाए जाते हैं जो लोग इनका प्रयोग करते हैं, उनको फायदा होता है.
रुद्राक्ष को लाल धागे या पीले धागे में पहनना चाहिए. इसे पूर्णिमा, अमावस्या या सोमवार को धारण करना श्रेष्ठ माना जाता है. रुद्राक्ष एक, सत्ताईस, चौवन या एक सौ आठ की संख्या में धारण करना चाहिए. इसको धारण करने के बाद मांस और मदिरा का सेवन ना करें.
रुद्राक्ष को धातु के साथ धारण करना और भी अच्छा होता है. रुद्राक्ष को सोने और चांदी के साथ धारण किया जा सकता है. चाहे तो तांबे के साथ भी इसे धारण किया जा सकता है. दूसरे व्यक्ति की धारण की हुई रुद्राक्ष की माला ना पहनें. सोते समय रुद्राक्ष उतार कर सोना चाहिए.
रुद्राक्ष के लाभकारी फायदे
1. शीघ्र विवाह के लिए दो मुखी रुद्राक्ष या गौरी शंकर रुद्राक्ष का प्रयोग करें.
2. शिक्षा और एकाग्रता के लिए पंच मुखी रुद्राक्ष धारण करना चाहिए.
3. सेहत और आयु के लिए एक मुखी या 11 मुखी रुद्राक्ष का प्रयोग करें.
4. नौकरी की बाधाओं से बचने के लिए तीन मुखी रुद्राक्ष का प्रयोग करें.
5. बुरी आदत छुड़ाने के लिए पंचमुखी रुद्राक्ष पहनें, जिसमें बीच में अक मुखी रुद्राक्ष हो.
6. भक्ति के लिए 11 मुखी रुद्राक्ष धारण करना चाहिए.
रुद्राक्ष घिसकर तिलक लगाने से तेज और सौंदर्य में वृद्धि होती है. तलवों में और माथे पर इसका लेप लगाने से मानसिक शांति मिलती है. शिक्षा में अच्छे परिणाम मिलते हैं. रुद्राक्ष पहनने से तनाव से दूर रहते हैं.
मेष और वृश्चिक राशि वालों के लिए तीन मुखी रुद्राक्ष उत्तम होता है. यह रुद्राक्ष अग्नि और तेज का स्वरूप होता है. वृष और तुला राशि वालों के लिए छह मुखी रुद्राक्ष उत्तम होता है. इसको भगवान कार्तिकेय का स्वरूप माना जाता है. मिथुन और कन्या वालों के लिए चार मुखी रुद्राक्ष उत्तम माना जाता है. इसको ब्रह्मा जी का स्वरूप माना जाता है.
कर्क वालों के लिए दो मुखी रुद्राक्ष उत्तम होता है. यह अर्धनारीश्वर का स्वरूप माना जाता है. सिंह वालों के लिए एक मुखी रुद्राक्ष उत्तम माना जाता है. यह शिव जी का स्वरूप माना जाता है. धनु और मीन वालों के लिए पांच मुखी रुद्राक्ष उत्तम माना जाता है.
इसको कालाग्नि भी कहते हैं. मकर और कुंभ वालों के लिए सात मुखी रुद्राक्ष उत्तम माना जाता है. यह सप्तमातृका तथा सप्तऋषियों का स्वरूप माना जाता है.