हाईकोर्ट ने सरकार को जेबीटी के 750 पदों को भरने हेतु टैट की मैरिट पर आधारित भर्ती प्रक्रिया को फाइनल टच देने की इज़ाजत से इंकार कर दिया है। कोर्ट ने आवेदन ख़ारिज करते हुए कहा कि ट्रिब्यूनल के आदेशो के बाद सरकार ने जेबीटी की भर्ती और पद्दोनति नियमों में जो बदलाव लाए हैं, उसके तहत सरकार पदों को भरने के लिए स्वतंत्र है। लेकिन, इसके बावजूद भी सरकार ने 30 अगस्त 2017 को ट्रिब्यूनल द्वारा मैरिट के आधार पर चयन नियम को खारिज किए हुए रूल्स पर भर्ती करवाईं, फिर कैसे उन नियमों के तहत इज़ाजत दी सकती है।
कोर्ट ने कहा कि नए नियमों के तहत जेबीटी के 50 फीसदी पद सीधी भर्ती यानी कर्मचारी चयन आयोग और 50 फीसदी बैच वाइज तरीके से भरे जाने का प्रावधान है। न्यायाधीश धर्म चंद चौधरी और न्यायाधीश विवेक सिंह ठाकुर की खंडपीठ ने जेबीटी से जुड़ी याचिकाओं को सुनवाई के लिए स्वीकारते हुए इन मामलों को 17 अप्रैल को सुने जाने के आदेश पारित किए।
कोर्ट के इन आदेशों से पुरानी प्रक्रिया के तहत चयनित उम्मीदवारों को कोई भी राहत नहीं मिली। ग़ौरतलब है कि प्रदेश सरकार ने वर्ष 2012 में जेबीटी के पदों को भरने हेतु टैट की मैरिट को आधार बनाया था।