प्रदेश के कई हिस्सों में गुरुवार को सीटू ने प्रदर्शन किया। सीटू का ये प्रदर्शन मोदी सरकार के विरुध किया गया। शिमला जिला सीटू महासचिव का कहना है कि केंद्री की मोदी सरकार लगातार जनविरोधी नीतियां अपना रही है, जिससे मज़दूरों पर हमले तेज हो रहे हैं। मज़दूरों के श्रम कानून में परिवर्तन किया जा रहा है, जो कि पूंजीपतियों की लूट बढ़ाने के लिए सरकार कर रही है।
उन्होंने कहा कि लकेंद्र सरकार को केरल सरकार का अनुसरण करके तत्काल मजदूरों का वेतन 18 हजार रुपये कर देना चाहिए। देश में 65 लाख और हिमाचल में लगभग 80 हजार कर्मी आंगनबाड़ी, मिड डे मील और आशा वर्करज़ स्कीम वर्कर के रूप में कार्यरत हैं, परंतु उन्हें कच्चे कर्मचारी के रूप में कार्य करने के लिए मजबूर किया जा रहा है। उन्हें 45वें श्रम सम्मेलन की सिफारिश अनुसार पक्का किया जाए।