हिमाचल प्रदेश की आर्थिक बदहाली को लेकर कांग्रेस और भाजपा आमने सामने हैं. कर्ज को लेकर सियासी जंग चरम पर है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू लगातार हिमाचल प्रदेश की आर्थिक स्थिति को लेकर पूर्व की भाजपा सरकार पर हमलावर है. आज तो मुख्यमंत्री ने पिछले 5 साल में भाजपा सरकार पर वित्तीय अनियमितताएं करने के गंभीर आरोप लगाए और इसको लेकर श्वेत पत्र जारी करने का एलान कर दिया है.
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा है कि पूर्व में रही जयराम सरकार के समय फिजूलखर्ची और वित्तीय अनियमितताएं की गई. परिणामस्वरूप हिमाचल प्रदेश कंगाली के दौर से गुजर रहा है. प्रदेश में 75000 करोड़ कर्ज़ है. इसके अलावा कर्मचारियों की देनदारी लंबित पड़ी है. प्रदेश की आर्थिक स्थिति को पटरी पर लाने के लिए कम से कम 4 साल लगेंगे. जयराम ठाकुर सरकार के पांच साल के कार्यकाल में वितीय अनियमिताओं को लेकर सरकार श्वेत पत्र जारी करेगी.
उधर विपक्ष के नेता पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा की कांग्रेस सरकार के श्वेत पत्र का स्वागत है. लेकिन मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू आर्थिक बदहाली का रोना कब तक रोते रहेंगे. मुख्यमंत्री अगर श्वेत पत्र लाने की बात कर रहे हैं. तो उसका स्वागत है लेकिन केवल 5 साल में ही हिमाचल प्रदेश की स्थिति ऐसी नहीं हुई है.
इससे पूर्व में अधिकतर समय तक कांग्रेस की सरकार रही जो हिमाचल प्रदेश की कंगाली के लिए सीधे तौर पर जिम्मेदार हैं. भाजपा उसको भी उजागर करेगी। सुखविंदर सिंह सुक्खू पहली बार इस तरह के दायित्व को निभा रहे हैं. ऐसे में उनको जानकारी का अभाव भी दिख रहा है.