करुणामूलक संघ प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार मुख्य सलाहकार शशी पाल मीडिया प्रभारी गगन कुमार व राज्यकार्यकारिणी देर रात शिमला सचिवालय में कैबिनेट मंत्री रैंक रघुवीर सिंह बाली से मिले व करुणामूलक नौकरी बहाली एजेंडा उनके समक्ष रखा. जिस पर काफी लंबे समय तक इस विषय पर चर्चा की गई.
प्रदेशाध्यक्ष अजय कुमार ने अपनी बात रखी कि करुणामूलक नौकरी बहाली के लिए संघ निरंतर प्रयास कर रहा है. पूर्व सरकार के समय भी संघ द्वारा देश और प्रदेश की सबसे बड़ा आंदोलन किया गया.
जिसके उपरांत कुछ एक करुणामूलक आश्रितों को राहत मिली और बहुत से आश्रित परिवार सरकार की गलत नीतियों के कारण बाहर हैं. अध्यक्ष का कहना है कि जब किसी सरकारी कर्मचारी की मृत्यु नौकरी के दौरान हो जाती हैं. तो उसके परिवार मैं किसी एक सदस्य को नौकरी देने में सरकारे 20 से 25 साल लगा देती हैं.
जिसका मूल रूप कारण यह है कि इस समय सभी विभागों बोर्डो, निगमों व यूनिवर्सिटी में लगभग 3000 केस पेंडिंग पड़े हैं.
जब कांग्रेस सरकार ओपोजीशन में थी. तो विधानसभा में भी मुकेश अग्निहोत्री ने इन परिवारों की आवाज उठाई और कहा था कि हमारी सरकार बनते हैं. हम करुणामूलक परिवारों को एकमुशत नौकरियां देकर राहत प्रदान करेंगे और साथ में ही विधानसभा चुनावों में की कांग्रेस सरकार के हर एक जनप्रतिनिधियों ने हर एक मंच से आवाज उठाई थी कि हम करुणामूलक आश्रितों को सरकार बनते ही पक्की नौकरी देंगे.
सरकार के बनने के उपरांत यह आश्रित परिवार हजारों की संख्या में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू से भी शिमला सचिवालय मिले और मई महीने में करुणामूलक आधार पर नौकरी देने का आश्वासन दिया गया था. लेकिन मुख्यमंत्री द्वारा अभी तक इस पर कोई भी कार्रवाई नहीं की गई.
जिस पर पर्यटन विभाग मंत्री रघुवीर सिंह बाली द्वारा संघ की राज्यकार्यकारिणी को आश्वासन दिया कि चुनावों के समय किए गए वादे पर सरकार अटल है और जल्द ही इस वादे को पूरा किया जाएगा.
करुणामूलक परिवारों को राहत देने के लिए संघ की मीटिंग मुख्य सचिव और वित्त सचिव के साथ करवाई जाएगी. जल्द से जल्द निष्कर्ष निकाला जाएगा और करुणामूलक नौकरियां बहाल की जाएंगी.