हिमाचल प्रदेश में मौसम ने अगस्त महीने में होने वाली बरसात के हालात जून में ही पैदा कर दिए हैं. लगातार तीन दिन से हो रही बारिश ने जो उत्पाद मचाया है. वह इससे पहले इस महीने में कभी नहीं देखा गया.
दर्जनों पहाड़ों के दरक जाने से यातायात व्यवस्था पूरी तरह से ध्वस्त हो गई. मनाली से रविवार को चले वाहन सोमवार शाम तक भी मंडी नहीं पहुंच पाए. इनमें हजारों सैलानी फंसे रहे। इन्हें रात सड़कों पर ही काटनी पड़ी.
लाख कोशिश करने पर भी मंडी के पास पंडोह मार्ग पर पहाड़ी के दरकने से आया मलबा हटाया नहीं जा सका. यहां काम करना खतरे से खाली नहीं है. क्योंकि लगातार चट्टानें गिर रही हैं. मंडी से कुल्लू वाया कटौला आइआइटी मंडी कमांद मार्ग भी बंद है. मंडी पठानकोट मार्ग भी जगह जगह ल्हासे गिरने से बार बार बंद हो रहा है। परिवहन व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गई है.
शनिवार रविवार की छुट्टियां मनाने आए सैलानी व अन्य लोग सोमवार को काम पर नहीं पहुंच पाए. कुल्लू मनाली घाटी पिछले 48 घंटों से पूरी तरह से कटी हुई है. मंडी जिले की सभी सड़कों पर आवाजाही बाधित है.
हजारों वाहन फंसे हुए हैं. प्रशासन किसी तरह से फंसे लोगों को निकालने में लगा है. मगर हालात बेकाबू और दयनीय हो गए हैं. बिजली सप्लाई, टेलीफोन, पेयजल सब प्रभावित हुआ है. मंडी के द्रंग विधानसभा क्षेत्र के नवलाय में मलबा आने से एक महिला लापता हो गई है.
एनडीआरएफ की टीम उसे तलाशने में लगी है. अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सागर चंद्र शर्मा ने बताया कि मंडी पंडोह मार्ग पर आई चट्टानों को हटाकर मार्ग को बहाल करने के प्रयास जारी हैं. बार बार हो रही. बारिश इसमें बाधा बन रही है. मंडी कुल्लू वाया कटौला आइआइटी कमांद मार्ग को खुलने में समय लगेगा. फंसे लोगों को निकाला जा रहा है.