श्रमिकों को राष्ट्र का निर्माता बताते हुए स्वास्थ्य, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री डॉ. (कर्नल) धनी राम शांडिल ने कहा कि प्रदेश हाल ही में राज्य में हुई भारी बारिश, भूस्खलन और अचानक बाढ़ के कारण संकट जैसी स्थितियों का सामना कर रहा है और राज्य के कामगार पुनर्निर्माण कार्यों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।
यह बात उन्होंने आज यहां हिमाचल प्रदेश भवन एवं अन्य सन्निर्माण कल्याण बोर्ड (एचपीबीओसीडब्ल्यू) की 42वीं बैठक की अध्यक्षता करते हुए कही। उन्होंने कहा कि सरकार श्रमिकों के कल्याण के लिए पूर्णतः प्रतिबद्ध है। प्रदेश सरकार राज्य में श्रमिकों को कार्यस्थल पर गुणवत्तापूर्ण बुनियादी सुविधाएं सुनिश्चित करने के लिए हरसंभव प्रयास कर रही है।
डॉ. शांडिल ने अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए कि लाभार्थियों के वित्तीय दावों को समय पर मंजूरी दी जाए और इन्हें बिना किसी विलंब के समयबद्ध जारी किया जाए। उन्होंने कहा कि श्रमिकों को विभिन्न योजनाओं के तहत प्रदान किए जाने वाले लाभों की प्रक्रिया को सरल व सुलभ बनाया जाए। इससे कामगारों को अपने कार्य बेहतर ढंग से करने में सुविधा प्राप्त होगी।
बैठक में बीओसीडब्ल्यू अधिनियम-1996 के तहत मनरेगा श्रमिकों के पंजीकरण, लेखांकन की हाइब्रिड पद्धति को अपनाने, कंप्यूटर, फर्नीचर आदि की खरीद और रिक्त पदों को भरने सहित विभिन्न विषयों पर चर्चा की गई। बोर्ड के गैर सरकारी सदस्यों ने भी बैठक में अपने बहुमूल्य सुझाव दिए।
इसके उपरांत डॉ. शांडिल ने हिमाचल प्रदेश अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति विकास निगम की बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि निगम विभिन्न योजनाओं और कार्यक्रमों को लागू करके इन समुदायों की बेहतरी के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। उन्होंने अधिकारियों को सरकार द्वारा कार्यान्वित की जा रही विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं के बारे में जागरूक करने के निर्देश दिए ताकि अधिक से अधिक लोगों को लाभान्वित किया जा सके।