कर्नाटक चुनाव की तारीख का ऐलान हो चुका है। 12 मई को मतदान होंगे और 15 मई को वोटों की गिनती होगी। लेकिन, इससे भी बड़ी ख़बर दूसरी है, जिसने चुनाव आयोग को भी फजीहत में डाल दिया है। दरअसल, चुनाव आयोग के ऐलान से पहले ही बीजेपी आईटी सेल के मुखिया अमित मालवीय ने मतदान की तारीख ट्वीट कर दिया। अब इस मुद्दे को लकेर बवाल मचा हुआ है।
मंगलवार को मुख्य चुनाव आयुक्त ओपी रावत कर्नाटक चुनाव की तारीखों का ऐलान करने के लिए प्रेस को संबोधित कर रहे थे। लेकिन, पत्रकारों ने उन्हें मतदान की तारीख बताने से पहले ही रोक दिया और बीजेपी आईटी सेल के मुखिया अमित मालवीय के ट्वीट का हवाला देकर मतदान और काउंटिंग की तारीख बता दी। तरीख़ सुनते ही चुनाव आयुक्त भौंचक रह गए। माहौल ऐसा हुआ कि उनके साथ बैठे अधिकारी पत्रकारों के के प्रति कठोर तेवर दिखाने शुरू कर दिए। इस दौरान चुनाव आयुक्त ने पत्रकारों से उन्हें पहले सुनने की अपील की।
दरअसल, बीजेपी आईटी सेल के हेड अमित मालवीय ने ट्विटर पर जो तारीख लीक की, उसके लिए उन्होंने एक अंग्रेजी चैनल का हवाला दिया। हालांकि, इस मसले पर बवाल थमने का नाम नहीं ले रहा है। यह मामला अभी और तूल पकड़ सकता है।
लेकिन, तारीखों के ऐलान में मुख्य चुनाव आयुक्त के लिए एक राहत वाली बात रही। वो यह कि मतदान की तारीख मालवीय के ट्वीट से मेल तो खाई, लेकिन काउंटिंग की तारीख मैच नहीं हो पाई। चुनाव आयुक्त ने मतगणना की तारीख 15 मई बताई जो लीक हुई तारीख से अलग थी।
जांच के बाद होगी कार्रवाई: चुनाव आयोग
इस प्रकरण के बाद एक सवाल के जवाब में मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि इस पूरे मामले की जांच करायी जाएगी और दोषी शख्स के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी। जानकार बता रहे हैं कि चुनाव आयोग के इतिहास में यह पहला मामला है, जब आयोग को ऐसी परिस्थिति का सामना करना पड़ा हो।