भाजपा प्रदेश प्रवक्ता संजय शर्मा ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता व प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री प्रोफेसर प्रेम कुमार धूमल से कांग्रेस के नेता व पूर्व केंद्रीय मंत्री जय राम रमेश द्वारा कोर्ट के बाहर बिना शर्त मानहानि मुकदमे में माफी मांगना यह दिखलाता है कि सत्ता के लिए कांग्रेस किस हद तक गिर सकती है और किसी पर भी बिना तथ्यों के आरोप लगाकर जनता में भ्रम की स्थिति पैदा करती है।
ऐसा ही काम जयराम रमेश ने उस समय2015 पूर्व मुख्यमंत्री धूमल जी के ऊपर झूठे आरोप लगाकर किया था। उनके ऊपर मानहानि का मुकदमा दायर किया गया अब जब लग रहा था कि कोर्ट द्वारा
सजा दी जा सकती है तो प्रोफेसर धूमल के चरणों में आकर जय राम रमेश लेट गए और माफी मांग रहे हैं।
प्रोफेसर प्रेम कुमार धूमल बड़े दिल के आदमी हैं और उन्होंने उन्हें माफ करने का फैसला किया है। यह उनकी उदारता है कि उन्होंने पहले भी कांग्रेस के कई नेताओं पर दायर मानहानि मुकदमों में उनके द्वारा माफी मांगने पर उन्हें माफ किया है उनमें मोतीलाल बोहरा और आनंद शर्मा जैसे लोग भी हैं।
कांग्रेस पार्टी मैं यह फैशन बन गया है कि झूठ बोलो और जनता में भ्रम फैलाओ और बाद में माफी लो। राहुल गांधी ने चौकीदार चोर है है यह बोल बोल कर बोलकर जनता में भ्रम फैलाया और बाद सर्वोच्च न्यायालय में अवमानना के केस में माफी मांग ली ।
इसी तरह राफेल के केस में जनता को गुमराह किया और मामला जब सर्वोच्च न्यायालय में पहुंचा तो वहां पर बिना शर्त माफी मांगी। कांग्रेस नेता मणि शंकर अय्यर ने प्रधानमंत्री मोदी को नीच बोला
और फिर माफी मांग ली। भाजपा के नेताओं को अपशब्द बोलना कांग्रेस के नेताओं की आदत है। यहां तक की यूपीए की अध्यक्षा श्रीमती सोनिया गांधी ने नरेंद्र मोदी को मौत का सौदागर तक कहा।
कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने देश के सर्वोच्च पद पर बैठी राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू को अपशब्द ( राष्ट्रपत्नी)बोल डाले और बाद में राष्ट्रपति से भी लिखित माफी मांग ली। और भी देश में कई ऐसे मामले हुए जिसमें कांग्रेस के नेताओं द्वारा गलत झूठी बयान बाजी चुनावी लाभ लेने के लिए की और बाद में अदालत में या व्यक्तिगत रूप से माफी मांगते हैं। लेकिन भारतीय जनता पार्टी के नेता उदार हृदय व्यक्तित्व हैं और उनको बार-बार माफ कर देते हैं।