देश की नरेन्द्र मोदी सरकार द्वारा “पीएम विश्वकर्मा” योजना प्रारम्भ करने से पारम्परिक और ग्रामीण कारीगरों के हुनर को नई दिशा और गति मिलेगी। केन्द्र सरकार द्वारा प्रारम्भ की गई इस योजना से देश के लाखों कारीगर लाभान्वित और कुशल होगें। यह बात उत्तराखंड सरकार में केबिनेट मंत्री धनसिंह रावत ने “पीएम विश्वकर्मा” योजना पर आयोजित शिमला भाजपा कार्यालय में कार्यशाला के दौरान कही।
धन सिंह रावत ने कहा कि योजना से भारत की पारम्पारिक कला और कारीगरों को अपने हुनर और प्रतिभा को विश्वमंच पर दिखाने के अवसर मिलेगा। इस योजना से मोदी सरकार विश्वकर्मा साथियों के सामथ्र्य और समृद्धि बढ़ाने के लिये सहयोगी साबित होगीं। हजारों वर्षों की अपने देश की पारम्पारिक तकनीक और कुशलता के संरक्षण और संवर्धन के लिये यह योजना मददगार और सहायक सिद्ध होगीं।
इस योजना में 18 अलग-अलग तरह के काम करने वाले विश्वकर्मा (कारीगरों) को शामिल करके लाभ देने की योजना केन्द्र सरकार ने प्रारम्भ की है। इस योजना के अन्तर्गत ग्रामीण क्षेत्रों में रहकर अपने हुनर से अपनी कला की परम्परा का संरक्षण करने वाले बढई, लोहार, सोनार, कुम्हार, मूर्तिकार, मोची, धोबी, राज मिस्त्री, नाई, माला बनाने वाला, कपडे का काम करने वाला, अन्य लोगो को शामिल करने का निर्णय ऐतिहासिक है।
धन सिंह रावत ने कहा कि “पीएम विश्वकर्मा” योजना प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा “वोकल फॉर लोकल” को मजबूती प्रदान करेगी और भारत की परम्परा और हुनर को संरक्षण प्रदान करके देश की आर्थिकी को सुदृढ करेगी।