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पूर्व गृह मंत्री शिवराज पाटिल का 90 वर्ष की उम्र में निधन

➤ वरिष्ठ कांग्रेस नेता और पूर्व केंद्रीय गृह मंत्री शिवराज पाटिल का 90 वर्ष की उम्र में निधन
➤ लातूर स्थित निवास पर सुबह 6:30 बजे ली अंतिम सांस, लंबे समय से बीमार थे
➤ शनिवार को अंतिम संस्कार की उम्मीद, राजनीतिक जगत में शोक की लहर


वरिष्ठ कांग्रेस नेता और पूर्व केंद्रीय गृह मंत्री शिवराज पाटिल का आज सुबह महाराष्ट्र के लातूर में निधन हो गया। 90 वर्षीय पाटिल लंबे समय से बीमार चल रहे थे और घर पर ही उपचाराधीन थे। सुबह करीब 6:30 बजे उन्होंने अपने निवास ‘देवघर’ में अंतिम सांस ली। उनके निधन से कांग्रेस सहित पूरे राजनीतिक जगत में शोक की लहर दौड़ गई है। उनके अंतिम संस्कार का कार्यक्रम शनिवार को होने की उम्मीद है।

उनके परिवार में बेटा शैलेश पाटिल, बहू अर्चना, जिन्होंने पिछले वर्ष BJP के टिकट पर लातूर शहर से विधानसभा चुनाव लड़ा था, और दो पोतियां हैं। पाटिल का पूरा नाम शिवराज पाटिल चाकुरकर था। उन्होंने अपने लंबे राजनीतिक करियर में कई महत्वपूर्ण दायित्व निभाए थे।

शिवराज पाटिल 2008 के मुंबई आतंकी हमले के समय देश के गृह मंत्री थे। सुरक्षा में चूक और आलोचनाओं के बाद उन्होंने नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए पद से इस्तीफा दिया था। उनका राजनीतिक सफर बेहद प्रतिष्ठित रहा। वह मराठवाड़ा के लातूर से सांसद रहे और 1973 से 1980 तक लातूर ग्रामीण सीट से विधायक भी रहे। इसके बाद 1980 से 1999 तक सात बार लातूर लोकसभा संसदीय क्षेत्र से जीत दर्ज की।

उन्होंने इंदिरा गांधी के कार्यकाल में रक्षा मंत्रालय, राजीव गांधी सरकार में नागर विमानन मंत्रालय, तथा लोकसभा स्पीकर के रूप में कार्य किया। संसद में आधुनिक तकनीक के उपयोग की पहल का श्रेय भी उन्हें दिया जाता है। गृह मंत्री पद छोड़ने के बाद वह 2010 से 2015 तक पंजाब के राज्यपाल और चंडीगढ़ के प्रशासक रहे।

उनके निधन की खबर फैलते ही लातूर स्थित आवास पर कार्यकर्ताओं और समर्थकों की भीड़ जुटना शुरू हो गई। पुलिस भीड़ को नियंत्रित करने और व्यवस्था बनाए रखने के लिए तैनात है। कांग्रेस सांसद सुखदेव भगत सहित कई नेताओं ने गहरी संवेदना व्यक्त की और पाटिल को अनुशासनप्रिय तथा सौम्य व्यवहार वाला नेता बताया।