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रिटायरी पुलिस कर्मियों ने भी दिखाए तेवर, सरकार को दिलाया याद

DESK |

  • निशुल्क नहीं हर महीने 210 रुपए देकर करते हैं एचआरटीसी बसों में सफर,
  • लंबित मांगों को लेकर 15 अगस्त तक का दिया अल्टीमेटम

    मंडी। प्रदेश सरकार द्वारा यह मान कर कि पुलिस में कार्यरत व रिटायरी कर्मचारी एचआरटीसी की बसों में निशुल्क यात्रा करते हैं के लिए यह सुविधा बंद करने के निर्णय से बवाल खड़ा हो गया है। सेवारत पुलिस कर्मचारी पहले ही इस मुद्दे को लेकर सरकार को तेवर दिखा चुके हैं और यह बता चुके हैं कि पुलिस के कर्मचारी भले ही एचआरटीसी की बस में सफर करें या न करें मगर उनके वेतन से हर महीने 210 रूपए इसके लिए काटे जाते हैं जो सालाना 5 करोड़ रूपए बनता है।

फ्री का ठप्पा लगाए जाने को लेकर ये कर्मचारी अपना अपमान बता रहे हैं तथा गुस्से में हैं। अब पुलिस से रिटायर कर्मियों ने भी सरकार के खिलाफ इस मामले को लेकर मोर्चा खोल दिया है। मंडी में संपन्न हुई हिमाचल प्रदेश राज्य पुलिस पेंशनर्स वेलफेयर एसोसिएशन की बैठक राज्य प्रधान चमन भाटिया की अध्यक्षता में हुई।

इस बारे में जानकारी देते हुए महासचिव एमएल खान, वरिष्ठ उपप्रधान परमानंद शर्मा, कैलाश वालिया, कोषाध्यक्ष साहिब सिंह, प्रैस सचिव किश्न चंद ठाकुर, मुख्य सलाहकार धनी राम तनवर, जगदीश शर्मा व किश्न चंद शांडिल ने संयुक्त तौर पर बताया कि अधिकारी सरकार को गुमराह कर रहे हैं। सरकार को यह मालूम होना चाहिए कि पुलिस कर्मचारी सेवारत व रिटायरी एचआरटीसी की बसों में कोई मुफ्त यात्रा नहीं करते बल्कि उनके वेतन से हर महीने 210 रूपए काटे जाते हैं जिन्हें एक साथ एचआरटीसी को दे दिया जाता है।

यह राशि हर साल लगभग 5 करोड़ बनती है। हालांकि पुलिस के सेवारत या रिटायरी कर्मी बहुत कम ही एचआरटीसी की बसों में सफर करते हैं मगर फिर भी हर साल इतनी बड़ी राशि दे रहे हैं। एचआरटीसी में यदि कोई घाटा है तो इसके जिम्मेवार स्वयं प्रबंधन है। पुलिस कर्मियों पर निशुल्क यात्रा का ठप्पा लगाकर उन्हें अपमानित किया जा रहा है।

एसोसिएशन ने पेंशनरों के लंबित पड़े वितीय लाभों को तुरंत अदा करने की मांग भी उठाई है। इनमें 12 प्रति डीए व नए वेतनमान की किस्तें और 2016 के बाद रिटायर हुए कर्मचारियों को सभी तरह के वितीय लाभ अदा करने की मांग है। इसके अलावा सेवानिवृत कर्मचारियों के मेडिकल बिल पैडिंग पड़े हुए हैं। कई पेंशनर अपनी उम्र के अंतिम पड़ाव पर हैं मगर उनके मेडिकल बिलों का भुगतान नहीं हो रहा है। सरकार को इन मांगों को लेकर 15 अगस्त तक का अल्टीमेटम दिया गया है और यदि इस अवधि में उनके वित्तीय लाभ अदा नहीं होते तो एसोसिएशन किसी कठोर निर्णय लेने पर मजबूर होगी।