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हिमाचल प्रदेश विधानसभा के मानसून सत्र का धमाकेदार आगाज

DESK |

हिमाचल प्रदेश विधानसभा के मानसून सत्र का अंदर और बाहर दोनो तरफ धमाकेदार आगाज हो गया है। विधानसभा के अंदर जहां विपक्ष ने प्रदेश कानून व्यवस्था को लेकर वाकआउट कर दिया। वहीं, सदन के बाहर महिला कांग्रेस ने हिमाचल प्रदेश में अपनी ही कांग्रेस सरकार की कानून व्यवस्था पर सवाल उठाए हैं। अलका लांबा ने कहा कि भाजपा बूथ अध्यक्ष की बेटी ने भाजपा विधायक हँसराज के खिलाफ दी शिकायत , एफ आई आर दर्ज हुई लेकिन पुलिस ने विधायक के खिलाफ कार्रवाही क्यों नही हुई। अलका लांबा ने कहा कि भाजपा विधायक हंस राज के खिलाफ कार्रवाही की मांग को लेकर आज विधानसभा का घेराव करने पहुँचे है। और इसके बाद पुलिस के आला अधिकारियों से भी मुलाकात करेंगे। प्रदर्शन के दौरान महिला कांग्रेस कार्यकर्ता आक्रोश में थी जिसके कारण कार्यकर्ताओं व पुलिस महिला जवानों के बीच हल्की झंडप हो गयी।

महिला कांग्रेस अध्यक्ष अलका लांबा ने कहा कि लड़की की शिकायत पर भाजपा विधायक हंस राज पुलिस ने कार्रवाही क्यों नही हुई। उन्होंने कहा कि पुलिस ने FIR के बाद भी विधायक हंसराज से पूछताछ क्यो नही की ,क्यों भाजपा विधायक का फोन जब्त नही किया जिसके माध्यम से उसने लड़की को अश्लील मैसेज व फ़ोटो भेजे है। अलका लांबा ने महिला कांग्रेस मांग कि करती है कि भाजपा विधायक के फ़ोन जब्त किए जाएं और उनके फ़ोन की फोरेंसिक जांच की जाएं। और अगर वो दोषी पाएं जाते है उनके खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाही की जाएं। लांबा ने कहा के 9 अगस्त को भाजपा विधायक के खिलाफ एफ आई आर दर्ज करवाती है लेकिन पुलिस मामले में कोई कार्रवाही नही करती है और मामले को दबा के रखती है । मामला मीडिया में आने के बाद भाजपा के आलानेता बेटी पर एफ आई आर वापिस लेने का दबाव बनाती है भारी दवाब के बाद बेटी एफआईआर वापिस लेती है। लेकिन उन्होंने कहा कि विधायक के खिलाफ एफ आई आर वापिस नही होगी महिला कांग्रेस यह सुनिश्चिग करेगी और विधायक के खिलाफ कार्रवाही होने तक जांच की मांग करती रहेगी।

बता दें कि भाजपा विधायक के खिलाफ उसी के विधानसभा क्षेत्र की भाजपा बूथ अध्यक्ष बेटी ने एफआईआर दर्ज करवाई थी जिसमे पीड़िता ने पुलिस को बताया कि बीजेपी विधायक हंसराज उससे चैट पर अश्लील बातें करता है और न्यूड फोटो मांगता है. उसने कहा कि उसने एक काम के सिलसिले में विधायक से बात की थी। इस पर विधायक उससे मिलने के लिए कहने लगा और अपनी बात मनवाने के लिए दबाव बनाने लगा. पुलिस को एफआईआर में बीजेपी बूथ अध्यक्ष की पीड़ित बेटी ने यह भी बताया था कि आरोपी विधायक के कार्यकर्ता उसे लगातार चैट डिलीट करने के लिए धमकी देते हैं. और अपने जान को खतरा बताया था। एफ आई आर दर्ज कराने के दस दिन बाद लड़की ने अपने आरोपों से यू टर्न ले लिया और कहा कि वो मानसिक तनाव में थी जिसकी बजह से उसने गलतफहमी हो गयी थी। एफआईआर कराने वाली लड़की ने स्वयं एक वीडियो जारी करते हुए एफ आई आर वापस लेने की बात कही थी।