धर्मशाला, 6 सितम्बर: उपायुक्त कार्यालय में आज शुक्रवार को प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना की समीक्षा को लेकर जिला कार्यान्वयन समिति की बैठक का आयोजन किया गया। अतिरिक्त उपायुक्त सौरभ जस्सल ने बैठक की अध्यक्षता करते हुए योजना के तहत पात्र लाभार्थियों का ब्योरा विभाग के अधिकारियों से लेते हुए उनको उचित दिशा निर्देश दिए। इस दौरान विभिन्न विभागों के अधिकारी, स्थानीय कारीगर और क्षेत्र विशेषज्ञों ने भाग लिया। एडीसी ने बताया कि बैठक का मुख्य उद्देश्य प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना के कार्यान्वयन की दिशा-निर्देश और प्रक्रिया की समीक्षा करना था।
एडीसी ने बताया कि प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना का उद्देश्य पारंपरिक कारीगरों और हस्तशिल्पियों की सामाजिक और आर्थिक स्थिति को सशक्त बनाना है।
उन्होंने कहा कि यह योजना उनके व्यवसायों के विकास और वृद्धि को प्रोत्साहित करने के लिए विभिन्न प्रकार की सहायता प्रदान करेगी। योजना के तहत कारीगरों को वित्तीय सहायता, तकनीकी प्रशिक्षण, और विपणन समर्थन प्रदान किया जाएगा। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना में आवेदन हेतु किसी भी नजदीकी लोक मित्र केन्द्र में सम्पर्क करें तथा सम्बन्धित ग्राम पंचायत प्रधान एवं सचिव के माध्यम से अपने आवेदन को महाप्रबंधक जिला उद्योग केन्द्र में प्रेषित करें।
उन्होंने विभाग को निर्देश देते हुए कहा कि क्षेत्र के कारीगरों को विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रमों का लाभ दिया जाए। बैठक में इसके लिए विभिन्न तकनीकी संस्थानों को नामित किया गया है। उन्होंने सभी से अपील की कि वे एकजुट होकर काम करें और प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना को कांगड़ा जिले में सफलतापूर्वक लागू करें। उन्होंने कहा कि यह योजना न केवल कारीगरों की जीवन स्थिति में सुधार लाएगी बल्कि क्षेत्र के आर्थिक विकास में भी महत्वपूर्ण योगदान देगी।
बैठक में योजना के तहत वित्तीय सहायता की प्रक्रिया और आवश्यकताएँ स्पष्ट की गईं। एडीसी ने कारीगरों को सस्ती ब्याज दरों पर ऋण की सुविधा और विभिन्न अनुदान योजनाओं का लाभ देने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि विभागीय अधिकारी यह सुनिश्चित करें कि सभी कारीगरों को समय पर और पारदर्शी तरीके से वित्तीय सहायता प्राप्त हो। इस दौरान जिला उद्योग केन्द्र के महाप्रबंधक व सदस्य सचिव ओम प्रकाश जरयाल ने जिला कार्यान्वयन समिति को प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना के बारे विस्तृत रूप से जानकारी दी।