हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस के बाद अब बीजेपी में सीएम कैंडिडेट को लेकर कलह मच सकता है। जिस तरह से कांग्रेस में वीरभद्र बनाम सुक्खू की वॉर छिड़ी है, कुछ इसी ढर्रे पर बीजेपी के भीतर भी दो गुटों में म्यानें तन चुकी हैं अब तलवार निकलने की देरी है। दरअसल, इसके गुर तभी दिखाई देने लगे थे जब अनुराग ठाकुर ने मोदी कैबिनेट में मंत्री बनाए जाने से खुद को अलग कर लिया। उस दौरान समाचार फर्स्ट ने यह बात साझा की थी कि अनुराग हिमाचल प्रदेश की राजनीति को ज्यादा तरजीह दे रहे हैं।
अब जब मोदी कैबिनेट में संभावित मंत्रियों की लिस्ट जारी हो चुकी है, ऐसे में यह साफ हो चुका है कि नेता प्रतिपक्ष धूमल और सांसद अनुराग ठाकुर किसी भी सूरत में हिमाचल के किले को छोड़ना नहीं चाहते। गौरतलब है कि पिछले दिनों अनुराग ठाकुर का उनके क्षेत्र का दौरा महज एक दिन का था, लेकिन उन्होंने वर्तमान परिस्थिति को देखते हुए अभी तक हिमाचल में ही रुके हुए हैं। उधर, यह ख़बर उड़ी कि प्रेम कुमार धूमल के साथ दिल्ली में हाईकमान सेंटर में पद के बदले डील कर सकता है। लेकिन, उन तमाम कयासों पर विराम लगाते हुए धूमल भी हिमाचल में डंटे हुए हैं और लगातार प्रदेश के मुद्दों पर सीएम को घेर रहे हैं।
हालांकि, जिस तरह के 'पॉलिटिकल ट्रेट्स' उभर कर आ रहे हैं। उसके मद्देनज़र कहा जा सकता है कि बीजेपी में धूमल बनाम जेपी नड्डा का नया ऐपिसोड जल्द ही जनता के बीच होगा। क्योंकि, पिछले दिनों अनुराग ठाकुर एम्स को लेकर काफी एग्रेसिव दिखाई दिए हैं। उन्होंने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा को बकायदा चिट्ठी लिखकर एम्स के संदर्भ में 31 सितंबर तक ठोस पहल करने की बात कही थी। इतना ही नहीं उन्होंने साफ-साफ लफ्जों में भी कहा कि हिमाचल में एम्स लाने में उनका योगदान है। क्योंकि, उन्होंने तत्कालीन स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर हर्षवर्धन से इसकी सिफारिश की थी।
वहीं, नड्डा भी लगातार प्रदेश की गतिविधियों में शामिल हो रहे हैं। सोशल मीडिया पर जिस तरह से एक दूसरे के समर्थक काउंटर कर रहे हैं। उसके मद्देनज़र जाहिर है यह 'डिजिटल कोल्ड वार' जमीन पर भी दिखाई दे सकता है।