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रेलवे कर्मियों को बोनस, खेती-बाड़ी की योजनाओं और तेल-तिलहन के लिए राष्ट्रीय मिशन को मिली मंजूरी

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मुख्य बिंदु:

  • रेलवे कर्मियों को 2028.57 करोड़ रुपये का बोनस।
  • 10,103 करोड़ रुपये के राष्ट्रीय खाद्य तेल-तिलहन मिशन को मंजूरी।
  • टिकाऊ कृषि और खाद्य सुरक्षा के लिए 1 लाख करोड़ रुपये की दो योजनाएं स्वीकृत।

नई दिल्ली: केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 11.72 लाख से अधिक रेलवे कर्मचारियों को 2028.57 करोड़ रुपये के 78 दिनों के कार्यकुशलता से जुड़े बोनस के भुगतान को मंजूरी दे दी है। इस निर्णय की घोषणा केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने की। यह बोनस रेलवे कर्मचारियों की विभिन्न श्रेणियों, जैसे ट्रैक मेंटेनर, लोको पायलट, ट्रेन मैनेजर, स्टेशन मास्टर, तकनीशियन, हेल्पर आदि को मिलेगा। यह बोनस रेलवे के कार्यकुशलता में सुधार लाने और कर्मचारियों को प्रेरित करने के उद्देश्य से दिया जा रहा है।

तेल-तिलहन उत्पादन में आत्मनिर्भरता का लक्ष्य
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने घरेलू तेल-तिलहन उत्पादन को बढ़ाने और देश को खाद्य तेलों के आयात पर निर्भरता कम करने के उद्देश्य से 10,103 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ राष्ट्रीय खाद्य तेल-तिलहन मिशन (एनएमईओ-तिलहन) को मंजूरी दी है। यह मिशन वर्ष 2024-25 से 2030-31 तक चलेगा और इसका लक्ष्य प्रमुख तिलहन फसलों जैसे रैपसीड-सरसों, मूंगफली, सोयाबीन, सूरजमुखी और तिल के उत्पादन को बढ़ाना है।

कृषि योजनाओं में बड़ा सुधार
मंत्रिमंडल ने टिकाऊ कृषि को बढ़ावा देने और खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए दो बड़ी योजनाओं ‘पीएम राष्ट्रीय कृषि विकास योजना’ (पीएम-आरकेवीवाई) और ‘कृषोन्नति योजना’ (केवाई) को मंजूरी दी है। इन योजनाओं के तहत कुल 1,01,321.61 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे, जिसमें आरकेवीवाई के लिए 57,074.72 करोड़ और कृषोन्नति योजना के लिए 44,246.89 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। इन योजनाओं में 18 मौजूदा कृषि योजनाओं को शामिल किया गया है, जो राज्य सरकारों के माध्यम से क्रियान्वित होंगी।