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हरियाणा में बीजेपी तीसरी बार, जम्मू-कश्मीर में NC-कांग्रेस की सरकार

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Elections2024: हरियाणा में भाजपा कांग्रेस के मुंह से जीत छीनकर लगातार तीसरी बार सरकार बनाने जा रही  है।  चुनाव के नतीजे सभी के लिए चौंकाने वाले रहे। शुरूआती रुझानों में कांग्रेस जीत की ओर बढ़ती दिख रही थी, यहां तक कि दिल्ली में पटाखे भी फोड़ दिए गए और जलेबियां बंटने लगीं। लेकिन जैसे-जैसे परिणाम सामने आते गए, कांग्रेस को निराशा ने घेर लिया। बहुमत के साथ भाजपा नई सरकार का शपथ ग्रहण दशहरा के दिन 12 अक्टूबर को हो सकता है।

हरियाणा की 90 सीटों में से भाजपा ने 48 सीटों पर जीत दर्ज कर बहुमत हासिल कर लिया। यह तीसरी बार है जब भाजपा राज्य में सरकार बना रही है, और ऐसा करने वाली वह पहली पार्टी बन गई है। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी लाडवा से और कांग्रेस के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र हुड्डा गढ़ी-सांपला सीट से विजयी रहे। भाजपा की इस जीत पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सीएम सैनी को फोन कर बधाई दी।

दूसरी ओर, जम्मू-कश्मीर में नेशनल कॉन्फ्रेंस और कांग्रेस गठबंधन ने 49 सीटों पर जीत हासिल की है। गठबंधन में नेशनल कॉन्फ्रेंस को 42, कांग्रेस को 6 और सीपीआई (एम) को 1 सीट मिली। भाजपा ने 29 सीटें जीतीं, हालांकि पार्टी के जम्मू-कश्मीर अध्यक्ष रविंदर रैना नौशेरा सीट से हार गए और उन्होंने इस्तीफा दे दिया है।

जम्मू-कश्मीर में पहली बार आम आदमी पार्टी ने डोडा सीट से जीत दर्ज की। महबूबा मुफ्ती की पीडीपी पार्टी को केवल 3 सीटें मिलीं, जबकि पिछली बार उन्हें 28 सीटें मिली थीं। पीडीपी की नेता इल्तिजा मुफ्ती बिजबेहरा सीट से हार गईं। वहीं, नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने घोषणा की है कि उमर अब्दुल्ला 11 या 12 अक्टूबर को जम्मू-कश्मीर के नए मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेंगे। उमर अब्दुल्ला ने बडगाम और गांदरबल दोनों सीटों पर जीत दर्ज की है।

जम्मू-कश्मीर में 18 सितंबर से 1 अक्टूबर तक तीन चरणों में 63.88% वोटिंग हुई थी, जो 2014 के चुनाव से कम थी। एग्जिट पोल में अधिकांश सर्वेक्षणों ने एनसी-कांग्रेस गठबंधन सरकार का पूर्वानुमान जताया था।

हरियाणा में हिमाचल जैसी गारंटियों वाला बम निकला फुस्‍स


देश के उत्तरी राज्य हरियाणा में विधानसभा चुनाव के परिणाम सामने आ गए हैं, जहां भाजपा ने अपने पिछले दो चुनावों के प्रदर्शन में सुधार करते हुए रिकॉर्ड तीसरी बार सरकार बनाने की तैयारी कर ली है। इस बार कांग्रेस की ओर से दी गई गारंटियां काम नहीं आईं, और पार्टी बहुमत से दूर रहकर सत्ता की रेस से बाहर हो गई।

दिलचस्प है कि कांग्रेस ने हरियाणा में भी हिमाचल प्रदेश की तरह गारंटियों के सहारे सत्ता में आने की उम्मीद जताई थी। हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने हरियाणा में चुनाव प्रचार के आखिरी दो दिनों में हिमाचल में दी गई दस गारंटियों का प्रचार किया, लेकिन हरियाणा की जनता ने इन वादों को नकारते हुए भाजपा के पक्ष में मतदान किया।

इस बार के चुनाव में कांग्रेस को सिर्फ 37 सीटें मिलीं, जो बहुमत के आंकड़े से 9 सीटें कम हैं। अब भाजपा जल्द ही राज्यपाल से मिलकर सरकार बनाने का दावा पेश करेगी और अपनी नई सरकार का गठन करेगी।