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विभागीय लैब की रिपोर्ट से असंतुष्ट दुकानदार अपने खर्च पर करवा सकता है सेंपल जांच
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रेफरल लैब की रिपोर्ट को माना जाता है फाइन
Report: Shivanshu Shukla
Kangra food safety checks: फेस्टिवल सीजन में खाद्य पदार्थों के लिए सैंपलस की रिपोर्ट का इंतजार है। त्योहारी सीजन में मिठाइयों व अन्य खाद्य वस्तुओं की खूब खरीददारी हुई। इन उत्पादों की गुणवत्ता परखने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने सैंपल लिए। लेकिन त्योहार बीत जाने के बाद कंडाघाट स्थित लैब से सैंपल रिपोर्ट नहीं आई है। वहीं, विभाग के अधिकारियों का कहना है कि सैंपल की रिपोर्ट के लिए एक माह का समय लग जाता है। किसी दुकानदार की मिठाई या अन्य खाद्य वस्तु का सैंपल कंडाघाट स्थित लैब की रिपोर्ट में सही नहीं पाया जाता है तो संबंधित दुकानदार अपने खर्च पर रेफरल लैब में विभाग के माध्यम से पुन: सेंपल जांच करवा सकता है और रेफरल लैब की रिपोर्ट को फाइनल माना जाता है।
176 सेंपल जांच के लिए भेजे
फूड सेफ्टी विभाग जिला कांगड़ा की एसिस्टेंट कमीशनर डा. सविता ठाकुर बताया कि त्योहारी सीजन में पूरे जिला से 176 सेंपल मिठाइयों व शहद, नमकीन व अन्य चीजों के लिए गए थे। जिन्हें जांच के लिए कंडाघाट स्थित लैब में भेजा गया है, जिनकी रिपोटर्स का इंतजार किया जा रहा है। करीब एक माह में रिपोर्टस आ जाती है। विभाग द्वारा इंस्पेक्शन और सेंपलिंग रूटीन में की जाती है। प्रति फूड सेफ्टी ऑफिसर को मासिक 30 सैंपल का टारगेट रहता है।
सैंपल रिपोर्ट ठीक न होने पर जारी होता है नोटिस और जो भी सैंपल उठाए जाते हैं, उन्हें चार हिस्सों में कलेक्ट किया जाता है। यदि किसी सैंपल की रिपोर्ट सही नहीं आती है तो संबंधित दुकानदार को फूड सेफ्टी एंड स्टैंडडर्स अथॉरिटी आफ इंडिया एक्ट के तहत नोटिस जारी किया जाता है, जिसमें दुकानदार को 30 दिन का समय दिया जाता है। इस दौरान दुकानदार अपनी दुकान के सैंपल को रेफरल लैब में जांच के लिए अपने खर्च पर फूड सेफ्टी विभाग के माध्यम से भेज सकता है। सैंपल लैब की जो रिपोर्ट आती है, उसे फाइनल माना जाता है।
जुर्माने का भी है प्रावधान
डा. सविता ठाकुर ने बताया कि रेफरल लैब की रिपोर्ट में भी यदि संबंधित दुकानदार की मिठाई या अन्य चीज का सेंपल सब-स्टैंडर्ड, मिस ब्रांडेड या अनसेफ पाए जाने पर कार्रवाई अमल में लाई जाती है। जिसके तहत एक से तीन लाख तक जुर्माने का प्रावधान है।