Lord Vishnu Worship Significance: मार्गशीर्ष शुक्ल पक्ष की द्वादशी, जिसे अखण्ड द्वादशी के रूप में जाना जाता है, इस वर्ष 12 दिसंबर 2024 को मनाई जाएगी। यह तिथि भगवान विष्णु की पूजा और पवित्र आचरण के लिए अत्यधिक शुभ मानी जाती है। पंडित अनिल शास्त्री के अनुसार, यह व्रत पापों का नाश करने और मनोवांछित फल प्रदान करने में सक्षम है।
पूजा विधि:
स्नान के बाद भगवान लक्ष्मीनारायण की षोडशोपचार विधि से पूजा करें। भजन-कीर्तन और व्रत कथा सुनने के बाद भगवान को भोग अर्पित करें। प्रसाद वितरित करने के बाद ब्राह्मण भोजन कराएं और अंत में स्वयं भोजन ग्रहण करें। इस दिन श्वेत वस्त्र धारण कर पूजा करना विशेष शुभ माना गया है।
महत्व:
यह व्रत धन, धान्य, सुख-समृद्धि, और कुल में पुण्य वृद्धि का प्रतीक है। विष्णु मंत्र “ॐ नमो नारायणाय नमः” का जाप इस दिन शुभ माना जाता है।
महत्वपूर्ण समय:
- राहुकाल: अपराह्न 1:30 से 3:00 बजे तक।
- विजय मुहूर्त: दोपहर 2:05 से 2:47 बजे तक।
- अमृत काल: प्रातः 7:04 से 8:22 बजे तक।
- द्वादशी तिथि समाप्ति: रात्रि 10:27 बजे तक।
- त्रयोदशी तिथि प्रारंभ: रात्रि 10:27 के बाद।
अतिरिक्त जानकारी:
चंद्रमा मेष राशि में संचार कर रहा है। नक्षत्र अश्विनी और भरणी का संयोग बन रहा है। मार्गशीर्ष माह की इस द्वादशी में भगवान विष्णु की पूजा देवताओं को प्रसन्न करने के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण मानी गई है।