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धर्मशाला पहुंचे सीएम सुक्खू, विपक्ष से रचनात्मक भूमिका निभाने का आह्वान

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  • विधानसभा के शीत सत्र के लिए सरकार धर्मशाला पहुंची, कल से शुरू होगा सत्र
  • सर्वदलीय बैठक में शामिल न होने पर सीएम सुक्खू का जयराम ठाकुर पर तंज
  • लैंड सीलिंग एक्ट संशोधन और भ्रष्टाचार के मुद्दों पर सदन में गरमागरमी की संभावना

हिमाचल प्रदेश विधानसभा का शीत सत्र बुधवार से धर्मशाला के तपोवन में शुरू होने जा रहा है। इसके लिए मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू समेत पूरी सरकार आज शिमला से धर्मशाला पहुंच गई। चार दिवसीय यह सत्र बुधवार सुबह 11 बजे से प्रारंभ होगा। मुख्यमंत्री सुक्खू ने मीडिया से बातचीत में विपक्ष से रचनात्मक भूमिका निभाने का आह्वान किया और कहा कि सरकार विपक्ष के हर सवाल का जवाब देने को तैयार है।

विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने सर्वदलीय बैठक बुलाई थी, जिसमें नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर शामिल नहीं हुए। इस पर सीएम सुक्खू ने तंज कसते हुए कहा कि जयराम ठाकुर के खिलाफ उनके ही कुछ पार्टी विधायकों के षड्यंत्रों के चलते वे बैठक में नहीं आए।

सत्र के दौरान लैंड सीलिंग एक्ट में संशोधन का विधेयक पेश किया जा सकता है। सरकार हमीरपुर के भोटा अस्पताल की जमीन को राधा स्वामी सत्संग ब्यास संस्था के नाम ट्रांसफर करने का प्रस्ताव लाई है, जिसे लेकर सत्तापक्ष और विपक्ष में टकराव की संभावना है। विपक्ष इस मुद्दे पर कांग्रेस के पुराने रुख को लेकर सवाल उठा सकता है।

सत्र में बीजेपी भ्रष्टाचार के मुद्दों पर सरकार को घेरने की तैयारी कर रही है। बीजेपी ने राज्यपाल को ‘कच्चा चिट्ठा’ दस्तावेज सौंपा था, जिसमें मुख्यमंत्री कार्यालय पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए गए हैं।

विधानसभा सत्र के पहले दिन ही बीजेपी ने जोरावर स्टेडियम धर्मशाला में विरोध प्रदर्शन करने का ऐलान किया है। ऐसे में सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच सदन के अंदर और बाहर दोनों जगह गरमागरमी की स्थिति बनी रह सकती है।