HRTC Pension Delay: हिमाचल सड़क परिवहन निगम (HRTC) पेंशनर कल्याण संगठन, मंडी इकाई की मासिक बैठक वरिष्ठ नागरिक भवन, मंडी में सुरेश चंद्र वर्मा की अध्यक्षता में संपन्न हुई। बैठक में लगभग 145 पेंशनरों ने भाग लिया और सरकार तथा निगम प्रबंधन की बेरुखी पर कड़ा रोष प्रकट किया।
जनवरी माह की पेंशन जारी न होने से पेंशनर्स नाराज
बैठक में पेंशनरों ने इस बात पर कड़ा विरोध जताया कि जनवरी माह की पेंशन अब तक जारी नहीं की गई, जबकि सेवारत कर्मचारियों को समय पर वेतन मिल चुका है। पेंशनर्स ने उपमुख्यमंत्री के बयानों पर सवाल उठाते हुए पूछा कि जब सरकार हर माह 67 करोड़ रुपये वेतन और पेंशन के लिए जारी कर रही है, तो पेंशनर्स का पैसा आखिर जा कहां रहा है?
चिकित्सा बिलों और पेंशन वृद्धि के भुगतान में देरी
बैठक में यह भी चर्चा हुई कि मुख्यमंत्री द्वारा 12 अक्टूबर 2024 को स्वर्ण जयंती समारोह में 9 करोड़ रुपये की धनराशि जारी करने की घोषणा के बावजूद 2022 से लंबित चिकित्सा बिलों का भुगतान अब तक नहीं हुआ। इससे पहले से बीमार पेंशनरों को आर्थिक और मानसिक प्रताड़ना झेलनी पड़ रही है।
इसके अलावा, न्यायालय के आदेश के बावजूद 5, 10 और 15% पेंशन वृद्धि के एरियर का भुगतान अभी तक नहीं किया गया है। संगठन ने आरोप लगाया कि लगभग 90-100 पेंशनरों को इसका लाभ मिल चुका है, लेकिन बाकी पेंशनरों के साथ भेदभाव किया जा रहा है।
पेंशन पुनः संशोधन में हो रही देरी
HRTC प्रबंधन द्वारा 50 और 30 लेवल पे मैट्रिक्स के आधार पर 2016 से पहले सेवानिवृत्त कर्मचारियों की पेंशन पुनः संशोधित करने के आदेश जुलाई 2023 में जारी किए गए थे, लेकिन अब तक इन्हें लागू नहीं किया गया है। पेंशनरों ने आरोप लगाया कि सरकार अपनी ही घोषणाओं और आदेशों को लागू करने में नाकाम हो रही है।
नए सेवानिवृत्त कर्मचारियों को नहीं मिल रही पेंशन
बैठक में यह मुद्दा भी उठाया गया कि मार्च 2024 के बाद सेवानिवृत्त हुए HRTC कर्मचारियों को अब तक पेंशन और पेंशन लाभ जारी नहीं किए गए हैं। ये कर्मचारी 11 महीने से बिना पेंशन के आर्थिक तंगी और मानसिक तनाव झेल रहे हैं।
संयुक्त संघर्ष समिति का गठन, आंदोलन की चेतावनी
इन सभी समस्याओं के समाधान के लिए HRTC के दोनों प्रमुख पेंशनर संगठनों – पेंशनर कल्याण संगठन और पेंशनर कल्याण मंच ने मिलकर HRTC पेंशनर संयुक्त संघर्ष समिति का गठन किया है। समिति ने प्रबंधन और सरकार को ज्ञापन सौंप दिया है और चेतावनी दी है कि यदि जल्द ही वार्ता के लिए आमंत्रित नहीं किया जाता, तो आगामी बजट सत्र के दौरान निगम मुख्यालय से सचिवालय और विधानसभा तक सड़क पर उतरकर आंदोलन किया जाएगा।