Adoption Process in India: हिमाचल प्रदेश सरकार के प्रयासों से चिल्ड्रन ऑफ द स्टेट को उनके भावी माता-पिता के सुपुर्द करने की प्रक्रिया सफलतापूर्वक जारी है। इसी क्रम में, शिशु गृह टूटीकंडी, शिमला में दो अनाथ बच्चों को उनके दत्तक माता-पिता को सौंपा गया। उपायुक्त अनुपम कश्यप ने इन बच्चों को उनके नए परिवारों को सौंपा। इनमें से एक बच्चा उत्तराखंड के दंपति द्वारा और दूसरा उत्तर प्रदेश के दंपति द्वारा गोद लिया गया।
समाज को आगे आने की अपील
उपायुक्त अनुपम कश्यप ने समाज के समृद्ध वर्ग से अपील की कि वे अनाथालयों और आश्रमों में पल रहे बच्चों को अपनाने के लिए आगे आएं, ताकि इन बच्चों का भविष्य संवर सके। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश सरकार समाज के कमजोर व गरीब वर्गों के कल्याण के लिए निरंतर प्रयासरत है।
मुख्यमंत्री सुख-आश्रय योजना और अन्य प्रयास
राज्य सरकार ने 4000 असहाय बच्चों को चिल्ड्रन ऑफ द स्टेट के रूप में अपनाया है और उनके भविष्य को सुरक्षित करने के लिए मुख्यमंत्री सुख-आश्रय योजना शुरू की गई है। प्रदेश में 13 बाल-बालिका संस्थान संचालित हो रहे हैं। इसके अलावा, विधवा, परित्यक्ता, तलाकशुदा व दिव्यांग अभिभावकों के 0-27 वर्ष के बच्चों के लिए इंदिरा गांधी सुख शिक्षा योजना भी चलाई जा रही है।
बच्चा गोद लेने की प्रक्रिया और नियम
भारत में बच्चा गोद लेने की प्रक्रिया केंद्रीय दत्तक ग्रहण संसाधन प्राधिकरण (CARA) के तहत की जाती है। बच्चा गोद लेने के लिए इच्छुक माता-पिता को कई कानूनी नियमों और शर्तों को पूरा करना पड़ता है, जिनमें से प्रमुख नियम निम्नलिखित हैं:
- दंपति की शादी को कम से कम 2 वर्ष होनी चाहिए।
- माता-पिता में से किसी को जानलेवा बीमारी नहीं होनी चाहिए।
- माता-पिता और बच्चे की उम्र में 25 वर्ष का अंतर अनिवार्य है।
- सिंगल पैरेंट भी बच्चा गोद ले सकते हैं, लेकिन पुरुष केवल लड़का ही गोद ले सकता है।
- आर्थिक रूप से सक्षम होना आवश्यक है।
गोद लेने की प्रक्रिया और आवश्यक दस्तावेज
बच्चे को गोद लेने के लिए इच्छुक माता-पिता को CARA पोर्टल (cara.wcd.gov.in) पर पंजीकरण करना होता है। इसके बाद होम स्टडी रिपोर्ट तैयार की जाती है और योग्यता के आधार पर बच्चे को गोद लेने की प्रक्रिया पूरी की जाती है।
आवश्यक दस्तावेजों में:
- परिवार की तस्वीरें
- पहचान पत्र (आधार, पैन कार्ड, वोटर आईडी, पासपोर्ट)
- इनकम टैक्स रिटर्न
- मेडिकल सर्टिफिकेट
- शादी या तलाक प्रमाण पत्र
- दो गवाहों के बयान
गोद लेने की फीस
बच्चा गोद लेने की प्रक्रिया में कुछ फीस भी देनी होती है:
- होम स्टडी रिपोर्ट के लिए: ₹6,000
- बच्चे को गोद लेने के बाद: ₹50,000



