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हिमाचल विधानसभा का बजट सत्र शुरू, राज्यपाल ने सरकार की उपलब्धियों को सदन में रखा
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शिक्षा और खेल के क्षेत्र में सुधार, निजी संस्थानों की रैंकिंग प्रक्रिया में होगी भागीदारी
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नशे के खिलाफ कड़ा रुख, 11 करोड़ की संपत्ति जब्त, राज्यस्तरीय नशामुक्ति केंद्र स्थापित
Himachal Budget Session 2025: हिमाचल प्रदेश विधानसभा का बजट सत्र सोमवार दोपहर दो बजे राष्ट्रगान के साथ शुरू हुआ। राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने अपने अभिभाषण की शुरुआत भारत के आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी में विजय प्राप्त करने पर बधाई देते हुए की। इसके बाद उन्होंने प्रदेश में नशे के खिलाफ चलाए गए अभियानों में जनता के सहयोग की सराहना की।
अपने अभिभाषण में राज्यपाल ने प्रदेश सरकार की नीतियों और उपलब्धियों को सदन में प्रस्तुत किया। उन्होंने कहा कि वर्तमान वित्त वर्ष में सरकार ने विभिन्न वर्गों के मानदेय में वृद्धि की है और समाज के कमजोर वर्गों के उत्थान के लिए कई योजनाएं लागू की हैं। शिक्षा क्षेत्र में सुधार को लेकर सरकार प्रतिबद्ध है और शिक्षकों के तबादलों को सीमित किया गया है ताकि छात्रों की पढ़ाई बाधित न हो। हिमाचल प्रदेश देश का पहला राज्य बन गया है जिसने सभी शिक्षण संस्थानों के लिए वार्षिक रैंकिंग प्रणाली लागू की है, जिसे आगे निजी शिक्षण संस्थानों तक विस्तारित किया जाएगा।
खेल और युवाओं के विकास को लेकर राज्यपाल ने कहा कि सरकार ने खिलाड़ियों के लिए डाइट मनी में वृद्धि की है और खेल कोटे में 20 नए खेलों को शामिल करने की प्रक्रिया जारी है। बेरोजगारी भत्ता योजना के तहत 23,579 युवाओं को लाभ पहुंचाया गया है, वहीं कौशल विकास योजना के तहत 68,786 युवाओं को प्रशिक्षित कर 33.16 करोड़ रुपये वितरित किए गए हैं।
नशे के खिलाफ सरकार ने कड़ा रुख अपनाते हुए अब तक 11 करोड़ रुपये की अवैध संपत्ति जब्त की है। सिरमौर जिले में एक राज्यस्तरीय नशामुक्ति केंद्र स्थापित किया जा रहा है, जहां 100 बेड की सुविधा उपलब्ध होगी। महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए सरकार ने बेटियों को अलग पारिवारिक इकाई मानते हुए उन्हें बेटों के बराबर अधिकार देने का प्रावधान किया है।
राज्यपाल ने कहा कि प्रदेश सरकार आत्मनिर्भर हिमाचल की दिशा में कार्य कर रही है और 2032 तक इसे समृद्ध राज्य बनाने की योजना पर काम जारी है।