- 191 मेगावाट थौना प्लौन बिजली परियोजना का दफ्तर कोटली से जोगिंदर नगर स्थानांतरित करने पर पूर्व लोकसभा प्रत्याशी आश्रय शर्मा ने विरोध जताया
- साजिश का आरोप लगाते हुए कहा कि कुछ लोग सदर विधायक को श्रेय नहीं देना चाहते, इसलिए मुख्यमंत्री को भ्रमित कर रहे हैं
- परियोजना से क्षेत्र के आर्थिक विकास और रोजगार बढ़ने की संभावना, लेकिन कांग्रेस नेत्री पर निष्क्रियता का आरोप
Thouna Plaun Power Project: 191 मेगावाट थौना प्लौन बिजली परियोजना के दफ्तर को कोटली से जोगिंदर नगर स्थानांतरित करने के फैसले को लेकर पूर्व लोकसभा प्रत्याशी आश्रय शर्मा ने खुलकर विरोध किया है। उन्होंने इसे राजनीतिक साजिश करार देते हुए कहा कि कुछ लोग नहीं चाहते कि इस परियोजना का श्रेय सदर विधायक को मिले, इसलिए मुख्यमंत्री को भ्रमित कर यह कदम उठाया गया।
आश्रय शर्मा ने अपने बयान में कहा कि यह परियोजना स्वर्गीय पंडित सुख राम जी का सपना था, जिसे साकार करने के लिए सदर विधायक ने अथक प्रयास किए हैं। परियोजना का अधिकांश हिस्सा सदर विधानसभा क्षेत्र में आता है, साथ ही धर्मपुर और जोगिंदर नगर की कुछ पंचायतें भी इससे प्रभावित हैं। सरकार द्वारा दफ्तर को स्थानांतरित करना इन क्षेत्रों के विकास में बाधा डालने की साजिश है, जिसे सदर की जनता किसी भी हालत में स्वीकार नहीं करेगी।
उन्होंने बताया कि परियोजना साइट को जोड़ने के लिए 18.36 करोड़ रुपये का टेंडर जारी किया जा चुका है। लेकिन कुछ लोग केवल अपनी राजनीति चमकाने में लगे हैं और मुख्यमंत्री को गुमराह कर रहे हैं।
कांग्रेस नेत्री पर निशाना
आश्रय शर्मा ने स्थानीय कांग्रेस नेत्री पर भी जमकर निशाना साधा और आरोप लगाया कि वह केवल अधिकारियों और कर्मचारियों के तबादलों तक ही सीमित हैं। उन्होंने कहा कि अगर कांग्रेस नेत्री को विधानसभा क्षेत्र की जनता की चिंता होती, तो वह इस साजिश के खिलाफ आवाज उठाती। उनकी चुप्पी इस बात का प्रमाण है कि वह निजी स्वार्थ में ही लिप्त हैं।
मुख्यमंत्री से मिलेंगे आश्रय शर्मा
आश्रय शर्मा ने घोषणा की कि वह जल्द ही शिमला जाकर मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू से मुलाकात करेंगे और इस दफ्तर को स्थानांतरित करने के फैसले को रोकने की मांग करेंगे। उन्हें उम्मीद है कि मुख्यमंत्री अपने विवेक से फैसला लेंगे और इस परियोजना के दफ्तर को कोटली से अन्यत्र नहीं ले जाने देंगे।