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हिमाचल हाईकोर्ट सख्त: संजौली मस्जिद मामले में 8 मई तक अनुपालन के आदेश, नहीं तो मानी जाएगी अवमानना

  • हिमाचल हाईकोर्ट ने संजौली मस्जिद मामले में नगर निगम शिमला को 8 मई तक अनुपालन के आदेश दिए

  • कोर्ट ने स्पष्ट किया कि आदेशों का पालन न होने पर यह अवमानना मानी जाएगी

  • नगर निगम ने पहले मस्जिद की ऊपरी तीन मंजिलें तोड़ने के आदेश दिए थे, लेकिन कार्य धीमी गति से हो रहा है


Himachal High Court orders:हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट में संजौली मस्जिद विवाद पर अहम सुनवाई हुई। स्थानीय निवासियों द्वारा दायर अवमानना याचिका पर न्यायालय ने नगर निगम शिमला को सख्त निर्देश दिए कि वह छह हफ्ते के भीतर आदेशों का अनुपालन करे। अदालत ने साफ किया कि यदि 8 मई तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया, तो इसे न्यायालय की अवमानना माना जाएगा

संजौली मस्जिद विवाद पिछले कई वर्षों से कानूनी पेंच में उलझा हुआ है। हाईकोर्ट ने पहले ही 21 अक्टूबर 2024 को नगर निगम आयुक्त को निर्देश दिए थे कि 20 दिसंबर 2024 तक मस्जिद की दो निचली मंजिलों पर निर्णय लिया जाए। लेकिन, अभी तक इस पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। इसी वजह से स्थानीय निवासियों ने अदालत का रुख किया

नगर निगम आयुक्त कोर्ट ने 5 अक्टूबर 2024 को आदेश दिया था कि मस्जिद की ऊपरी तीन मंजिलों को दो महीने के भीतर गिराया जाए। इसके बाद भी कार्यवाही धीमी गति से जारी रही। नगर निगम ने बजट की कमी का हवाला दिया, जबकि नगर निगम के कनिष्ठ अभियंता (जेई) की चार अलग-अलग रिपोर्टों में मस्जिद को अवैध निर्माण करार दिया गया

रिपोर्टों के अनुसार, 2010 में एक मंजिला मस्जिद थी, जिसे बिना अनुमति के पांच मंजिला इमारत में तब्दील कर दिया गया। यह मामला नगर निगम के पास 2010 से लंबित था, लेकिन इस दौरान निर्माण कार्य लगातार जारी रहासितंबर 2024 में हिंदू संगठनों के विरोध के बाद मामला चर्चा में आया और अदालत में याचिका दाखिल की गई।

अब अदालत के आदेश के बाद नगर निगम शिमला पर कार्रवाई को लेकर दबाव बढ़ गया है। यदि 8 मई तक आदेशों का पालन नहीं किया गया, तो हाईकोर्ट कड़ी कार्रवाई कर सकता है