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सल्फास की जहरीली गैस से 14 वर्षीय बच्ची की मौत, गेहूं की टंकी से निकली थी जहरीली हवा

  • गेहूं की टंकी से सल्फास गैस लगने से बच्ची की मौत

  • दादी के साथ टंकी से निकाल रही थी पुरानी गेहूं

  • बड़सर अस्पताल से हमीरपुर ले जाते वक्त बच्ची ने तोड़ा दम


Sulphos poisoning incident: हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर ज़िले के तलाई थाना अंतर्गत घराण पंचायत के जोल गांव में एक दर्दनाक हादसे में 14 वर्षीय कृतिका कुमारी की मौत हो गई। बच्ची अपनी दादी के साथ पुरानी गेहूं की टंकी से अनाज निकाल रही थी, जिसे कीड़ों से बचाने के लिए सल्फास दवा डाली गई थी। इसी दवा की जहरीली गैस बच्ची को लग गई और उसकी तबीयत बिगड़ गई।

परिजन तुरंत कृतिका को बड़सर अस्पताल ले गए, जहां से उसे हमीरपुर मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया गया। लेकिन रास्ते में ही जैसे ही वे बड़सर अस्पताल से बाहर निकले, कृतिका ने सांस लेना बंद कर दिया। दोबारा उसे बड़सर अस्पताल ले जाया गया, जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया।

घटना के बाद पुलिस ने परिजनों के बयान दर्ज किए हैं और शव का पोस्टमार्टम घुमारवीं अस्पताल में करवाया गया। डीएसपी घुमारवीं चंद्रपाल सिंह ने बताया कि मामले की जांच जारी है और आगामी कार्रवाई की जा रही है

यह घटना सल्फास जैसी घातक दवाओं के सुरक्षित उपयोग और गैर-जागरूकता के कारण हुई त्रासदी को उजागर करती है। विशेषज्ञों का कहना है कि सल्फास गैस अत्यंत विषैली होती है और इसके उपयोग के बाद टंकियों को सावधानी से और अच्छी तरह हवादार कर निकालना चाहिए।