आज अक्षय तृतीया और मातंगी जयंती का संयोग है
आज सर्वार्थ सिद्धि योग और रवि योग का संयोग है
आज खीर बनाकर मां अन्नपूर्णा को भोग लगाना श्रेष्ठ
Akshaya Tritiya significance: आज 30 अप्रैल 2025 को अक्षय तृतीया और मातंगी जयंती का दुर्लभ संयोग है। वैशाख शुक्ल तृतीया को मनाई जाने वाली अक्षय तृतीया को अबूझ मुहूर्त के रूप में जाना जाता है, यानी आज के दिन बिना किसी पंचांग देखे कोई भी शुभ कार्य किया जा सकता है। आज सर्वार्थ सिद्धि योग पूरे दिन रहेगा जबकि रवि योग दोपहर 04:18 PM से शुरू होकर अगली सुबह 05:40 AM (1 मई) तक रहेगा। रोहिणी नक्षत्र, शोभन योग, गर करण, उत्तर दिशाशूल और वृषभ राशि में चंद्रमा आज के दिन को और भी महत्वपूर्ण बनाते हैं।
पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह 05:41 AM से दोपहर 12:18 PM तक है, वहीं सोना खरीदने का श्रेष्ठ समय सुबह 05:41 AM से दोपहर 02:12 PM तक रहेगा। इस दिन खीर बनाकर मां अन्नपूर्णा को भोग लगाना अत्यंत शुभ माना गया है, इससे वर्षभर घर में धन-धान्य की कमी नहीं रहती।
आज मातंगी जयंती भी है। दस महाविद्याओं में से एक मां मातंगी की पूजा से दांपत्य जीवन सुखमय, शीघ्र विवाह, और संगीत व कला क्षेत्र में सफलता प्राप्त होती है। वशीकरण सिद्धियों के लिए भी मां मातंगी की आराधना आवश्यक मानी जाती है।
पौराणिक मान्यता के अनुसार, आज के ही दिन त्रेता युग का आरंभ हुआ था और इस युग में प्रभु श्रीराम का जन्म हुआ।
बुधवार व्रत रखने वालों के लिए आज का दिन विशेष है। व्रती गणेश जी को दूर्वा, सिंदूर, मोदक, अक्षत, चंदन, धूप, दीप, माला व फूल अर्पित करके पूजन करें, गणेश चालीसा पढ़ें और व्रत कथा सुनें। इससे बुध दोष शांत होता है और मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।
आज के सूर्योदय का समय 05:41 AM और सूर्यास्त का समय 06:56 PM है। चंद्रोदय 07:22 AM और चंद्रास्त 10:14 PM पर होगा।
दिन के शुभ चौघड़िया मुहूर्त:
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लाभ: 05:41 AM – 07:20 AM
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अमृत: 07:20 AM – 09:00 AM
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शुभ: 10:39 AM – 12:18 PM
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लाभ: 05:16 PM – 06:56 PM
रात के शुभ चौघड़िया मुहूर्त:
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शुभ: 08:16 PM – 09:37 PM
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अमृत: 09:37 PM – 10:57 PM
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लाभ: 02:59 AM – 04:20 AM (1 मई)
अशुभ काल:
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राहुकाल: 12:18 PM – 01:58 PM
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यमगण्ड: 07:20 AM – 09:00 AM
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गुलिक काल: 10:39 AM – 12:18 PM
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दुर्मुहूर्त: 11:52 AM – 12:45 PM
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भद्रा काल: 12:43 AM (1 मई) – 05:40 AM (1 मई)
विशेष निर्देश:
आज के दिन नदी में स्नान, दान, और विष्णु-लक्ष्मी पूजा करें। खीर बनाकर मां अन्नपूर्णा को अर्पित करें और परिवारजनों को भी खिलाएं।



