कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने अपने राजनीतिक भविष्य का उद्देश्य साफ कर दिया है। उन्होंने साफ लफ्ज़ों में कहा है कि वे किसी भी सूरत में राजनीति से संन्यास नहीं लेने वाले। उन्होंने कहा कि वह अभी भी खुद को जवान मानते हैं और जब तक जिंदा रहेंगे राजनीति का प्रमुख हिस्सा बनकर ही रहेंगे।
हमीरपुर में मीडिया के पूछे गए एक सवाल पर वीरभद्र सिंह ने बीजेपी के वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल की हार को भी निशाने पर लिया। उन्होंने कहा कि प्रेम कुमार धूमल पर कुदरत का कहर बरपा है। इससे पहले सत्ता में रहते हुए उन्हंने मेरे ऊपर 2 क्रिमिनल ट्रायल चलाए। ऐसे में जैसी करनी वैसी भरनी वाली बात है।
संगठन में हो चुनाव वर्ना जहन्नुम में होगी कांग्रेस !
पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने इस दौरान खुलकर सुक्खू के प्रदेश अध्यक्ष बनाए जाने के फैसले की आलोचना की। उन्होंने कहा कि संगठन में चुनाव बहुत जरूरी है। वर्ना कांग्रेस को जहन्नुम बना देंगे। उन्होंने कहा कि कांग्रेस संगठन में हर स्तर पर चुनाव जरूरी है। सुखविंदर सिंह सुक्खू भले ही 50 बार अध्यक्ष बनें, लेकिन पार्टी का जो संविधान है उसके मुताबिक ही बनना चाहिए।
वीरभद्र सिंह ने हाईकमान के फैसले पर प्रश्नचिन्ह खड़ा करते हुए कहा कि बिना चुनाव के प्रदेश अध्यक्ष बनना और फिर जमकर बैठ जाना समझ से परे हैं। इसके लिए मैं बार-बार विरोध करता रहा हूं। हाल ही में पार्टी के प्रदेश प्रभारी के सामने भी मैंने यह बात रखी है।
समय पर हो जाए उम्मीदवारों का चयन
वीरभद्र सिंह ने आगामी लोकसभा चुनाव को लेकर कहा कि वक्त रहते पार्टी को उम्मीदवारों का चयन कर लेना चाहिए। उन्होंने कहा कि उम्मीदवारों का समय रहते चयन होने से वे अपने लोकसभा क्षेत्र में एक बार कम से कम घूम तो लेंगे। खुद के लोकसभा चुनाव लड़ने की बात को वीरभद्र सिंह ने खारिज कर दिया। उन्होंने कहा कि वे खुद लोकसभा चुनाव नहीं लड़ेंगे, लेकिन लड़ाएंगे जरूर।
पिछली चुनाव की जिम्मेदारी भी लेते हुए वीरभद्र सिंह ने कहा कि हार के अलावा मैंने कांग्रेस को ऐसी सीट पर जीत दिलाई है जिस पर कांग्रेस लगातार 3 बार हार चुकी थी। लेकिन, चुनाव के लिए जरूरी है कि संगठन में बड़ा बदलाव किया जाए। वर्ना कांग्रेस को ये लोग जहन्नुम में पहुंचा देंगे।