-
गुरुवार को गंगा दशहरा, हस्त नक्षत्र और सिद्धि योग का विशेष संयोग
-
गुरुवार व्रत और भगवान विष्णु की पूजा से मिलेगी सुख-समृद्धि
-
दक्षिण दिशाशूल और कन्या राशि में चंद्रमा का गोचर
आज का पंचांग विस्तार से:
आज 5 जून 2025, गुरुवार को ज्येष्ठ शुक्ल दशमी है। आज के दिन गंगा दशहरा का पर्व मनाया जा रहा है, जिसे रवि योग, हस्त नक्षत्र और सिद्धि योग के अद्भुत संयोग के साथ मनाना अत्यंत शुभ है। गंगा का धरती पर अवतरण इसी दिन हुआ था, इसलिए इस तिथि पर गंगा स्नान, दान, तर्पण, और जल सेवा करना अत्यंत पुण्यदायक होता है।
गुरुवार व्रत के अवसर पर भगवान विष्णु की पूजा का विशेष महत्व है। आज पीले वस्त्र, हल्दी, पीला चंदन, चने की दाल और गुड़ का दान करने से गुरु दोष का निवारण होता है। पति-पत्नी यदि साथ में व्रत और पूजा करें, तो उनके वैवाहिक जीवन में प्रेम और समृद्धि आती है।
पूजा में पंचामृत, अक्षत्, तुलसी पत्र, पीले फूल, घी का दीपक, और बेसन लड्डू का भोग लगाएं। साथ में गुरुवार व्रत कथा और गुरु बीज मंत्र का जाप लाभकारी रहेगा।
आज का पंचांग – 5 जून 2025 (गुरुवार)
-
तिथि: शुक्ल पक्ष दशमी – 02:15 AM (6 जून) तक, फिर एकादशी
-
नक्षत्र: हस्त – पूर्ण रात्रि तक
-
योग: सिद्धि – 09:14 AM तक, फिर व्यतीपात
-
करण: तैतिल – 01:02 PM तक, फिर गर
-
चंद्र राशि: कन्या
-
दिशाशूल: दक्षिण
-
शिववास: सभा में – 02:15 AM (6 जून) तक, फिर क्रीड़ा में
सूर्य-चंद्र और दिन के समय
-
सूर्योदय: 05:23 AM
-
सूर्यास्त: 07:17 PM
-
चंद्रोदय: 02:08 PM
-
चंद्रास्त: 02:00 AM (6 जून)
शुभ मुहूर्त और चौघड़िया:
-
ब्रह्म मुहूर्त: 04:02 AM – 04:42 AM
-
अभिजीत मुहूर्त: 11:52 AM – 12:48 PM
-
विजय मुहूर्त: 02:39 PM – 03:34 PM
-
अमृत काल: 11:49 PM – 01:37 AM (6 जून)
दिन के शुभ चौघड़िया:
-
शुभ: 05:23 AM – 07:07 AM
-
चर: 10:36 AM – 12:20 PM
-
लाभ: 12:20 PM – 02:04 PM
-
अमृत: 02:04 PM – 03:48 PM
-
शुभ: 05:32 PM – 07:17 PM
रात्रि के शुभ चौघड़िया:
-
अमृत: 07:17 PM – 08:32 PM
-
चर: 08:32 PM – 09:48 PM
-
लाभ: 12:20 AM – 01:35 AM (6 जून)
-
शुभ: 02:51 AM – 04:07 AM (6 जून)
-
अमृत: 04:07 AM – 05:23 AM (6 जून)
आज का अशुभ समय:
-
राहुकाल: 02:04 PM – 03:48 PM
-
यमगण्ड: 05:23 AM – 07:07 AM
-
गुलिक काल: 08:51 AM – 10:36 AM
-
दुर्मुहूर्त: 10:01 AM – 10:56 AM, 03:34 PM – 04:30 PM
पवित्र कार्यों के लिए विशेष सुझाव:
-
गंगा दशहरा पर जल दान, तर्पण और प्यासे जीवों को पानी पिलाना पुण्यकारी
-
गुरुवार व्रत और विष्णु पूजा से विवाह में आ रही रुकावटें दूर होती हैं
-
गुरु मंत्र जाप, पीले वस्त्र और चने की दाल का दान गुरु को बलवान बनाता है



