➤ 11 जुलाई से शुरू होगा सावन, चार सोमवार पड़ेंगे
➤ श्रावण शिवरात्रि, हरियाली अमावस्या और रक्षाबंधन जैसे बड़े पर्व इसी माह
➤ सावन व्रतों की सूची में मंगला गौरी, प्रदोष, एकादशी, तीज भी शामिल
सावन मास 2025 की शुरुआत 11 जुलाई, शुक्रवार से हो रही है। इस दिन श्रावण कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा तिथि है और कांवड़ यात्रा की भी विधिवत शुरुआत होगी। श्रावण मास, जो भगवान शिव को समर्पित माना जाता है, पूरे माह व्रत, उपवास और धार्मिक अनुष्ठानों से भरा होता है। इस बार सावन में चार सोमवार, चार मंगला गौरी व्रत, श्रावण शिवरात्रि, हरियाली अमावस्या, नाग पंचमी और रक्षाबंधन जैसे बड़े पर्व आएंगे।
सावन में सोमवार और मंगला गौरी व्रत का विशेष महत्व है। इन व्रतों को करने से अखंड सौभाग्य, मनोकामनाओं की पूर्ति और शिव कृपा प्राप्त होती है। सावन मास में रुद्राभिषेक, जलाभिषेक, रुद्र पाठ, और शिव मंदिरों में दर्शन पूजन का महत्व अत्यधिक बढ़ जाता है।
काशी के ज्योतिषाचार्य चक्रपाणि भट्ट के अनुसार, सावन के प्रमुख व्रत और त्योहारों की तिथियाँ इस प्रकार हैं:
🔹 11 जुलाई (शुक्रवार): सावन का पहला दिन, कांवड़ यात्रा का शुभारंभ
🔹 12 जुलाई (शनिवार): जया पार्वती व्रत
🔹 14 जुलाई (सोमवार): पहला सावन सोमवार, गजानन संकष्टी चतुर्थी
🔹 15 जुलाई (मंगलवार): पहला मंगला गौरी व्रत
🔹 21 जुलाई (सोमवार): दूसरा सावन सोमवार, कामिका एकादशी, महाकाल सवारी
🔹 22 जुलाई (मंगलवार): दूसरा मंगला गौरी व्रत, भौम प्रदोष व्रत
🔹 23 जुलाई (बुधवार): श्रावण शिवरात्रि, शिव चतुर्दशी
🔹 24 जुलाई (गुरुवार): हरियाली अमावस्या, दर्श अमावस्या
🔹 27 जुलाई (रविवार): हरियाली तीज
🔹 28 जुलाई (सोमवार): तीसरा सावन सोमवार, सावन विनायक चतुर्थी
🔹 29 जुलाई (मंगलवार): तीसरा मंगला गौरी व्रत, नाग पंचमी
🔹 1 अगस्त (शुक्रवार): सावन मासिक दुर्गाष्टमी
🔹 4 अगस्त (सोमवार): चौथा और अंतिम सावन सोमवार
🔹 5 अगस्त (मंगलवार): चौथा मंगला गौरी व्रत, सावन पुत्रदा एकादशी
🔹 6 अगस्त (बुधवार): पुत्रदा एकादशी पारण, बुध प्रदोष व्रत
🔹 8 अगस्त (शुक्रवार): वरलक्ष्मी व्रत, हयग्रीव जयंती
🔹 9 अगस्त (शनिवार): रक्षाबंधन, राखी, सावन पूर्णिमा, संस्कृत दिवस
सावन का समापन 9 अगस्त को होगा। यह मास भक्ति, श्रद्धा और शिव आराधना का अनमोल अवसर माना जाता है। इस माह में शिवजी को जल, बेलपत्र, धतूरा, आक, भस्म और पंचामृत चढ़ाकर आराधना करने से कष्ट दूर होते हैं और सौभाग्य की प्राप्ति होती है।



