शिमला मे दिल दहला देने वाले युग अपहरण एवं मर्डर केस में शुक्रवार को तीनों आरोपी अदालत में पेश किए गए। मामले की अगली सुनवाई 13 जुलाई को तय की गई है। यह केस जिला एवं सत्र न्यायाधीश वीरेंद्र सिंह की अदालत में चल रहा है। सूचना के अनुसार स्टेट सी.आई.डी. की तरफ से पूरे मामले में हत्यारोपियों के खिलाफ दोष साबित करने के लिए 114 गवाह बनाए गए हैं। इनमें से अधिकतर गवाहों के बयान दर्ज किए जा चुके हैं।
14 जून, 2014 को राम बाजार से 4 वर्षीय मासूम युग रहस्यमयी परिस्थितियों में लापता हो गया था। इसको लेकर पीड़ित परिवार ने शहर के सदर थाना में मामला दर्ज करवाया था। इस मामले में पहले 3 माह पुलिस ने जांच की, लेकिन जब कोई साक्ष्य हाथ नहीं लगा तो मामले की जांच सी.आई.डी. को सौंप दी गई। इसी कड़ी में करीब 2 साल के बाद सी.आई.डी. ने चुनौती बन चुके मामले को सुलझाने में सफलता हासिल की।
मामले की जांच के तहत स्टेट सी.आई.डी. ने 22 अगस्त, 2016 को भराड़ी स्थित नगर निगम के पेजयल टैंक के अंदर और बाहर से युग की हड्डियां बरामद की थीं। पकड़े गए आरोपियों की निशानदेही पर जांच एजैंसी ने यहां से हड्डियां बरामद कीं। इस मामले में जांच एजैंसी ने विक्रांत के अलावा चंद्र शर्मा और तजेंद्र पाल को गिरफ्तार किया था। मामले में सी.बी.आई. क्राइम ब्रांच ने 25 अक्तूबर, 2016 को अदालत में चार्जशीट दायर की थी।
सी.आई.डी. की पूछताछ में सामने आया था कि आरोपियों ने अपहरण के 8 दिन के बाद 22 जून, 2014 को मासूम बच्चे को टैंक में फैंक दिया था। पानी के टैंक में बच्चे का शव 2 साल तक पड़ा रहा। जिसको लेकर शिमला में खूब बबाल हुआ था। अब सभी लोग युग की हत्या में इन्साफ की उम्मीद लगाए बैठे है।