➤ हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश से अब तक 419 मौतें
➤ 517 सड़कें और 2 नेशनल हाईवे अब भी बंद
➤ 4595 करोड़ की संपत्ति का हुआ नुकसान
हिमाचल प्रदेश के कई हिस्सों में भारी बारिश का कहर जारी है। बीती रात कांगड़ा में पूरी रात और सोलन के बद्दी क्षेत्र में करीब छह घंटे तक तेज बारिश ने जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया। शिमला में भी सुबह से ही आसमान बादलों से घिरा रहा और मौसम खराब बना हुआ है। हालांकि, मौसम विज्ञान केंद्र शिमला ने राहत की खबर दी है कि अब मानसून कमजोर पड़ने वाला है। 23 सितंबर तक बारिश का कोई बड़ा अलर्ट नहीं है और केवल कुछ इलाकों में हल्की बूंदाबांदी हो सकती है।
इस बार का मानसून प्रदेश के लिए बेहद भारी और विनाशकारी साबित हुआ। 1 जून से 17 सितंबर तक के आंकड़े बताते हैं कि पूरे प्रदेश में सामान्य से 46% ज्यादा बारिश हुई। वहीं सिर्फ सितंबर माह में ही 136% अधिक वर्षा दर्ज की गई। शिमला में पूरे मानसून सीजन में 108% ज्यादा, जबकि कुल्लू में 107% ज्यादा बारिश हुई। सितंबर में कुल्लू में सामान्य से 277% ज्यादा बारिश, बिलासपुर में 247%, हमीरपुर में 242%, मंडी में 212%, शिमला में 236% और सोलन जिले में 231% अधिक बारिश दर्ज की गई। यही अतिरिक्त वर्षा पहाड़ों में भूस्खलन, बाढ़ और बादल फटने जैसी तबाही का कारण बनी।
अब तक इस मानसून सीजन में प्रदेश में 4595 करोड़ रुपये की संपत्ति का नुकसान हो चुका है। सबसे बड़ा नुकसान सड़कों और पुलों को हुआ है। प्रदेश भर में अभी भी 517 सड़कें और दो नेशनल हाईवे पूरी तरह से बंद पड़े हैं, जिससे लोगों की आवाजाही बुरी तरह प्रभावित हुई है। इस आपदा ने न केवल ढांचागत नुकसान पहुंचाया है, बल्कि 419 लोगों की जान भी ले ली है। इनमें से 80 मौतें बाढ़, बादल फटने और भूस्खलन की घटनाओं में हुई हैं।
लोगों का कहना है कि इस बार का मानसून प्रदेश के लिए सदी का सबसे विनाशकारी साबित हुआ है। अब मौसम सामान्य होने की उम्मीद है, लेकिन पीछे छोड़ा गया मंजर प्रदेशवासियों के लिए लंबे समय तक डर और चिंता का कारण बना रहेगा।



