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CM सख्‍त: आईएएस-एचएएस अफसरों की लगेगी बायोमीट्रिक हाजिरी, सुबह 10 बजे पहुंचाना होगा सचिवालय


मुख्यमंत्री सुक्खू ने अधिकारियों की बायोमीट्रिक हाजिरी अनिवार्य की
सुबह 10 बजे तक सचिवालय पहुंचने के सख्त निर्देश, लापरवाही पर कार्रवाई होगी
वाकनाघाट में 650 बीघा भूमि पर बनेगी साइबर सिटी, दिसंबर 2025 तक पूरे होंगे आईटी पार्क



मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने सचिवालय के अधिकारियों की बायोमीट्रिक मशीनों पर हाजिरी अनिवार्य कर दी है। उन्होंने स्पष्ट कहा कि सभी आईएएस और एचएएस अधिकारी सुबह 10 बजे तक कार्यालय पहुंचें, अन्यथा कोताही बरतने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। मुख्यमंत्री ने शनिवार को सचिवालय में डिजिटल प्रौद्योगिकी एवं गवर्नेंस विभाग की उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए यह निर्देश दिए।

उन्होंने कहा कि उनकी घोषणाओं की प्रगति की ऑनलाइन निगरानी के लिए प्रत्येक विभाग में नोडल अधिकारी तैनात किए जाएंगे। मुख्यमंत्री, मुख्य सचिव और प्रधान सलाहकार आईटी को हर 15 दिन में प्रगति रिपोर्ट दी जाएगी।

मुख्यमंत्री ने वाकनाघाट में बन रहे उत्कृष्ट केंद्र की समीक्षा की और अधिकारियों को निर्माण कार्य में तेजी लाने के साथ उसमें एक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस लैब स्थापित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि कांगड़ा के चैतड़ू और शिमला के मेहली में बन रहे आईटी पार्क का निर्माण दिसंबर 2025 तक पूरा होना चाहिए।

उन्होंने शासन में डिजिटल सेवाओं की महत्ता पर जोर देते हुए कहा कि सभी विभागों को अपने कार्यों को डिजिटाइज करना चाहिए ताकि जनता को एक क्लिक पर सेवाएं घर-द्वार तक मिल सकें। सभी कार्यालयों में ई-ऑफिस प्रणाली को अपनाने के निर्देश दिए गए हैं ताकि पारदर्शिता और कार्यकुशलता में वृद्धि हो सके।

मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि अधिकारियों एवं कर्मचारियों को ई-फाइल प्रबंधन और नई तकनीक के उपयोग के लिए नियमित वर्कशॉप्स आयोजित की जाएं।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री के प्रधान सलाहकार (आईटी एवं नवाचार) गोकुल बुटेल, मुख्य सचिव संजय गुप्ता, सचिव आईटी आशीष सिंहमार, निदेशक आईटी डॉ. निपुण जिन्दल और आयुक्त श्रम एवं रोजगार वीरेंद्र शर्मा उपस्थित रहे।

मुख्यमंत्री ने आगे बताया कि जिला सोलन के वाकनाघाट में साइबर सिटी स्थापित करने की योजना है, जो 650 बीघा भूमि पर बनेगी। इसमें डाटा स्टोरेज, एआई आधारित उद्योग और अन्य आईटी सेक्टर से जुड़ी परियोजनाएं विकसित होंगी। विभाग को इस परियोजना का विस्तृत ब्लूप्रिंट शीघ्र तैयार करने के निर्देश दिए गए हैं।
उन्होंने कहा कि सरकार हिमाचल प्रदेश में प्रौद्योगिकी को बढ़ावा देने और आईटी इन्फ्रास्ट्रक्चर क्षेत्र में निवेश को आकर्षित करने के लिए प्रतिबद्ध है।