➤ अनुराग सिंह ठाकुर ने दिल्ली विश्वविद्यालय में “AI for Everyone” कार्यशाला का किया उद्घाटन
➤ बोले – हर भारतीय बने एआई साक्षर, यही विकसित भारत 2047 की दिशा
➤ पत्रकारिता व मीडिया शिक्षा में एआई के नैतिक व तकनीकी उपयोग पर हुई चर्चा
नई दिल्ली। पूर्व केंद्रीय मंत्री और हमीरपुर लोकसभा क्षेत्र के सांसद अनुराग सिंह ठाकुर ने दिल्ली विश्वविद्यालय के दिल्ली स्कूल ऑफ जर्नलिज्म में आयोजित दो दिवसीय कार्यशाला “AI for Everyone: Tools, Skills and Ethics” का उद्घाटन किया।
इस आयोजन का उद्देश्य पत्रकारिता और मीडिया शिक्षा में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) को व्यवहारिक और नैतिक दृष्टि से एकीकृत करना है, ताकि प्रतिभागी तेजी से बदलते डिजिटल युग में नए अवसरों के साथ आगे बढ़ सकें।
मुख्य अतिथि अनुराग सिंह ठाकुर ने अपने प्रेरक संबोधन में कहा कि भारत एआई क्षेत्र में वैश्विक शक्ति और सॉफ्ट पावर बनने की दिशा में अग्रसर है। उन्होंने एक ऐसे भविष्य की कल्पना की, जहाँ हर भारतीय एआई साक्षर हो — जो “विकसित भारत 2047” की दृष्टि को साकार करेगा।
उन्होंने कहा कि एआई न केवल राजनीति, अर्थव्यवस्था और सुरक्षा को नया आकार दे रहा है, बल्कि यह मानवता की दिशा को भी निर्धारित कर रहा है। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हमेशा एआई को जनसेवा और सुशासन का एक प्रमुख उपकरण बताया है। ठाकुर ने कहा कि वे खुद एक personalized AI सिस्टम पर काम कर रहे हैं जो उन्हें अपने लोकसभा क्षेत्र की समस्याओं और प्राथमिकताओं को बेहतर समझने में मदद करेगा।
अनुराग ठाकुर ने बताया कि भारत ने एआई क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रगति की है। सरकार का लक्ष्य 2030 तक भारत को वैश्विक AI Innovation Hub बनाना है।
उन्होंने कहा कि “हम भारत को AI कार्यबल राजधानी बनाना चाहते हैं। हमारा लक्ष्य 2 करोड़ छात्रों और पेशेवरों को एआई के मूल सिद्धांतों में प्रशिक्षित करना है तथा 1 करोड़ लोगों को उन्नत एआई और डेटा इंजीनियरिंग कौशल प्रदान करना है।”
उन्होंने बताया कि वैश्विक स्तर पर 2030 तक एआई कार्यबल की माँग 8 करोड़ से अधिक पेशेवरों तक पहुँचने की संभावना है, इसलिए भारत इस अवसर को रोजगार और नवाचार के केंद्र के रूप में देख रहा है।
दो दिवसीय कार्यशाला का उद्देश्य पत्रकारिता, संचार और सार्वजनिक मीडिया में एआई टूल्स के नैतिक उपयोग और व्यावहारिक प्रशिक्षण को बढ़ावा देना है। इसमें अकादमिक, उद्योग और सरकारी विशेषज्ञों ने भाग लिया ताकि एआई की क्षमता और चुनौतियों पर संतुलित दृष्टिकोण विकसित किया जा सके।



