हिमाचल प्रदेश बीजेपी ने एक बार फिर मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। बीजेपी के उपाध्यक्ष गणेश दत्त ने रविवार को कहा कि पहले मुख्यमंत्री सातवीं बार कुर्सी पर बैठने की बात कर रहे थे लेकिन अब वह चुनाव लड़ने पर मना कर रहे हैं। इसका एकमात्र कारण कांग्रेस की गुटबाजी है, क्योंकि मुख्यमंत्री चाहते हैं कि उनके नेतृत्व में चुनाव लड़े जाएं और प्रदेश अध्यक्ष को हटा दिया जाए।
यही नहीं, मुख्यमंत्री चुनाव नहीं लड़ने का बहाना बनाकर आलाकमान पर दबाव बनाने की कोशिश कर रहे हैं ताकि प्रदेश अध्यक्ष को पद से बर्खास्त कर दिया जाए और उनके नेतृत्व में पार्टी चुनाव लड़े। गणेश दत्त ने कहा कि इन सब से ये बात सामने आती है कि कांग्रेस की हिमाचल में स्थिति विभाजित हो चुकी है और कांग्रेस के कई खेमे हैं। यहां तक प्रभारी शिंदे के सामने भी यह गुटबाजी सरेआम देखने को मिली।
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने चुनाव ना लड़ने पर सियासी दांव खेला था। लेकिन, यह कोई नहीं जानता की मुख्यमंत्री ने ऐसा क्यों किया है। हालांकि, बीजेपी ये खुलासा कर रही है कि वह आलाकमान से प्रदेश अध्यक्ष को हटाने की मांग पर अड़ गए हैं लेकिन सच क्या है इसका सशंय अभी भी बरकरार है।